नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट कोयला खदान आवंटन में अनियमितताओं को लेकर दोषी ठहराए गए पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता समेत पांच अन्य को आज यानी बुधवार को सजा सुनाएगी। यह मामला यूपीए सरकार के दौरान का है।
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भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने का मामला
कोर्ट के स्पेशल सीबीआई के विशेष जज भारत पराशर ने पश्चिम बंगाल में एक निजी कंपनी को कोयला खदान आवंटन में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि शुक्रवार को कोर्ट ने कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एचसी गुप्ता समेत 5 लोगों को दोषी ठहराया था।
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आरोपियों को विभिन्न धाराओं में दोषी ठहराया
कोयला मंत्रालय के पूर्व सचिव एचसी गुप्ता, कोयला मंत्रालय में उस समय के संयुक्त सचिव केएस क्रोफा, कोयला मंत्रालय के रिटायर्ड निदेशक केसी समरिया, निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकास पटनी, विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड के प्रमोटर विकास पटनी के सहयोगी आनंद मलिक के खिलाफ अदालत आज सजा सुनाएगी। इनको भ्रष्टाचार रोकथाम कानून और भारतीय दंड संहित की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।
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सीबीआई की कारावास और भारी जुर्माना की मांग
सीबीआई ने पांचों दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास और निजी कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने की मांग की है। विशेष जज भरत पाराशर ने सीबीआई और दोषियों के वकील की ओर से सजा की अवधि को लेकर दो घंटे तक दलीलें सुनीं।
यह मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला खदानों को वीएमपीएल को देने में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। सीबीआई ने सितंबर 2012 में इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी।