झारखंड के बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने पर ज़ोर, पंचायत पर खुलेंगे मॉडल स्कूल
झारखण्ड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया है। सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 27 मॉडल स्कूल प्रारंभ करने की घोषणा की थी।
रांची: झारखण्ड के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए पंचायत स्तर पर मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया है। सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 27 मॉडल स्कूल प्रारंभ करने की घोषणा की थी। हर जिले के जिला स्कूल या मनोनीत व अन्य स्कूलों का चयन किया गया है।
घोषित 27 मॉडल स्कूलों की निविदा की प्रक्रिया हो चुकी है। इसी चरण में 53 स्कूलों के लिए निविदा आमंत्रित की जानी है। दूसरे चरण में 500 स्कूलों एवं तीसरे चरण में सभी पंचायतों में मॉडल स्कूल की परिकल्पना को साकार करने का प्रयास
होगा। मॉडल स्कूल के मामले की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री खुद कर रहें हैं।
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सीबीएसई से एफिलिएटेड होंगे स्कूल
राज्य के प्रस्तावित सभी 27 मॉडल स्कूलों को सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाई जाएगी। झारखण्ड के प्रस्तावित अन्य 53 मॉडल स्कूलों को भी सीबीएसई से सम्बद्धता दिलाने का कार्य होगा। इस तरह पहले चरण में 80 स्कूल मॉडल स्कूल के रूप में विकसित होंगे। भविष्य में योजना का विस्तार करते हुए राज्य के लाखों बच्चों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। मॉडल स्कूल योजना को राज्य के लिये फ्लैगशिप योजना के रूप में लिये जाने का संकल्प है, ताकि सरकारी विद्यालयों को पहुंच, समानता और गुणवत्ता को राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप बनाया जा सके।
शिक्षकों को आईआईएम से ट्रेनिंग
स्कूल संचालन का नेतृत्व करने वाले प्रधानाध्यापकों की पठन-पाठन क्षमता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिये आईआईएम, एक्सएलआरआई, एनसीईआरटी, एनईआईपी जैसी संस्थाओं के माध्यम से प्रशिक्षित करने की योजना है। स्कूलों में विषयवार पदस्थापित शिक्षकों की तकनीकी क्षमता के विकास एवं कक्षा संचालन प्रक्रिया, छात्र केन्द्रित अध्यापन के लिये नियमित रूप से शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। एनसीईआरटी एवं डाइट को पूर्ण रूप से शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिये प्रभावी बनाया जायेगा।
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अंग्रेज़ी सिखाने पर ज़ोर
मॉडल स्कूल में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्रायें पाठ्य पुस्तक पढ़ सकने की क्षमता प्राप्त कर सकें, इसके लिये आओ पढ़े, खूब पढ़े पठन अभियान शुरू करने की योजना है। बच्चों के लिये पुस्तक पठन की लक्षित कक्षा का संचालन किया जायेगा। पठन सामग्री के रूप में पाठ्य पुस्तकें, कहानियां, आलेख एवं शब्दों को पढ़ने का अभ्यास कराया जायेगा। साथ ही बच्चों को अंग्रेज़ी बोलने की क्षमता विकसित करने के लिये इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं और एनसीईआरटी, एनईआईपी का सहयोग प्राप्त किया जायेगा। स्कूलों में लैंग्वेज लैब की स्थापना के साथ स्पोकेन इंग्लिश कोर्स तैयार कर विद्यालयों में संचालित किया होगा।
रिपोर्ट: शाहनवाज़