Man Killed Dog in Bangalore: कुत्ते के भौंकने से परेशान था शख्स, चलाई ताबड़तोड़ गोलियां
Man Killed Dog: बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुरा में 45 वर्षीय कृष्णप्पा कुत्ते के लगातार भौंकने से नाराज थे, जिसके बाद उन्होंने कुत्ते का पीछा कर अपनी एयरगन से उसे मौत की नींद सुला दिया।
Man Killed Dog in Bangalore: इन दिनों देश में उत्तर से लेकर दक्षिण तक कुत्तों के आतंक (Dog Attack) से जुड़ी खबरें सुर्खियों में है। आवारा कुत्तों के अलावा पालतू कुत्ते ने भी लोगों का बाहर निकलना मुश्किल कर दिया है। पिछले दिनों लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा में हुईं घटनाएं इसकी बानगी है। इन घटनाओं के बाद से लोगों का रवैया कुत्तों के प्रति बदला है। अब तक कुत्तों को मौत के घाट उतारने के कई मामले केरल से सामने आ चुके हैं। एक और ताजा मामला पड़ोसी राज्य कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू से आया है।
बेंगलुरु के डोड्डाबल्लापुरा (Doddaballapura of Bangalore) के मेडागोंडानहल्ली में 45 वर्षीय कृष्णप्पा कुत्ते के लगातार भौंकने से नाराज थे। जिसके बाद उन्होंने कुत्ते का पीछा कर अपनी एयरगन से उसे मौत की नींद सुला दिया। हालांकि, अब वो इसे लेकर मुश्किलों में घिर गए हैं। कुत्ते की देखभाल करने वाले एक स्थानीय व्यक्ति हरीश ने इसकी शिकायत पुलिस में कर दी है।
पुलिस ने आरोपी पर की FIR
पुलिस ने आरोपी कृष्णप्पा पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम (Prevention of Cruelty to Animals Act) और आईपीसी की धारा 429 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के विरूद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने बताया कि आरोपी कृष्णप्पा ने केवल इसलिए कुत्ते को गोली मार दी क्योंकि वह उसपर लगातार भौंक रहा था। कृष्णप्पा की शुरूआती फायरिंग में कुत्ता वहां से भाग गया। लेकिन कृष्णप्पा ने इसबार उसका पीछा करते हुए एक खेत तक किया और कई राउंड फायरिंग कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
केरल से भी सामने आया था ऐसा मामला
केरल भी उन राज्यों में शुमार है जहां के लोग आवारा श्वानों के आतंक से काफी परेशान हैं। यहां तो बकायदा लोगों ने आवारा कुत्तों को मारकर उनका वीडियो सोशल मीडिया पर डालना शुरू कर दिया है, जिसकी काफी निंदा भी हो रही है। पिछले दिनों केरल के कासरगोड का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें समीर टी नामक शख्स हाथ में एयर गन लेकर चल रहा था और उसके पीछे मदरसा जाने वाली बच्चियां चल रही थीं। समीर का कहना था कि उसे ये कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि उसकी छोटी बेटी और मोहल्ले के अन्य बच्चे आवारा कुत्तों के डर से मदरसा जाने से इनकार करने लगे थे।