Karnatka News: करप्शन बन सकता है कर्नाटक में बीजेपी के गले की फांस, विधायक के घर से मिला 6 करोड़ कैश

Karnatka News: विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े कर्नाटक में अप्रैल-मई में चुनाव कराए जा सकते हैं। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के ऊपर लग रहे करप्शन के आरोपों ने पार्टी की नींद उड़ा रखी है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-03 13:58 IST

विधायक के घर कैश की गिनती (फोटो: सोशल मीडिया)

Karnataka News: विधानसभा चुनाव की दहलीज पर खड़े कर्नाटक में अप्रैल-मई में चुनाव कराए जा सकते हैं। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं के ऊपर लग रहे करप्शन के आरोपों ने पार्टी की नींद उड़ा रखी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री और कद्दावर नेता ईश्वरप्पा के इस्तीफे के बाद एक अन्य भाजपा नेता को इस्तीफा देना पड़ा है। बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने लोकायुक्त के छापे के बाद कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है।

विधायक का बेटा रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार

लोकायुक्त ने गुरूवार को बीजेपी विधायक विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत मदल को घूस लेते हुए रंगे हाथ केएसडीएल के दफ्तर से गिरफ्तार किया था। उन्हें एक ठेकेदार से 40 लाख रूपये लेते हुए पकड़ा गया। मदल बेंगलुरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड में लेखाकार के पद पर कार्यरत हैं। उनके दफ्तर से डेढ़ करोड़ कैश बरामद हुआ। इसके बाद अधिकारियों ने बीजेपी विधायक के आवास पर भी छापेमारी की, जहां से 6 करोड़ कैश बरामद किया गया।

ठेकेदार ने की 80 लाख रूपये मांगने की शिकायत

कर्नाटक सिविल सर्विस के 2008 बैच के अधिकारी प्रशांत मदल के खिलाफ एक ठेकेदार ने 80 लाख रूपये घूस मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। ठेकेदार का आरोप है कि साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल को खरीदने की डील के एवज में उनसे इस रकम की मांग की गई थी। शिकायत के बाद लोकायुक्त ने प्रशांत को रंगे हाथ दबोचने का जाल बुना और उन्हें अपने पिता के दफ्तर में ही पकड़ लिया।

बीजेपी विधायक ने बेटे के मामले से झाड़ा पल्ला

दावणगेरे जिला की चन्नागिरी सीट से बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा को राज्य सरकार के स्वामित्व वाली कर्नाटक सोप्स एंड डिटर्जेंट लिमिटेड (केएसडीएल) कंपनी का प्रमुख नियुक्त किया गया था। मामला सामने आने के बाद उन्होंने अपने बेटे के घूस प्रकरण से पल्ला झाड़ लिया और पद से इस्तीफा भी दे दिया। उन्होंने कहा कि मेरा लोकायुक्त की रेड से कोई लिंक नहीं है। ये मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है। मुझ पर आरोप लगाए जा रहे हैं, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं।

मंत्री ईश्वरप्पा को भी देना पड़ा था इस्तीफा

इससे पहले पिछले साल कर्नाटक में बड़ा सियासी भूचाल तब आ गया, जब एक बीजेपी कार्यकर्ता ने ही सरकार के एक बड़े मंत्री पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया दिया था। बीजेपी वर्कर और कॉन्ट्रैक्टर संतोष पाटिल ने आरोप लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पाटिल ने अपने सुसाइड लेटर में इस कदम के लिए साफ तौर पर तत्कालीन मंत्री पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था। बाद में ईश्वरप्पा के खिलाफ एफआईआर हुई और विपक्ष के भारी दवाब के चलते उन्हें पद भी छोड़ना पड़ा। हालांकि, बाद में जांच में पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी।

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