Mangaluru Auto Blast Case: मेंगलुरू ब्लास्ट केस की जांच कर सकती है NIA, कर्नाटक सरकार ने बताया था आतंकी हमला

Mangaluru Auto Blast Case: पिछले शनिवार को कर्नाटक के मेंगलुरू में एक चलते ऑटो में हुए ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-11-21 09:26 GMT

NIA। (Social Media) 

Mangaluru Auto Blast Case: दिवाली से ऐन पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक कार के अंदर धमाके (blast in coimbatore) के बाद पिछले शनिवार को कर्नाटक के मेंगलुरू में एक चलते ऑटो में जोरदार ब्लास्ट (Mangaluru blast case)हुआ था। पिछले दो माह में दक्षिण भारत के दो बड़े राज्यों में घटी ये दो घटनाएं किसी बड़े आतंकी साजिश की ओर इशारा कर रहे हैं। मेंगलुरू ऑटो ब्लास्ट केस में पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है। आरोपी का नाम 24 वर्षीय मोहम्मद शरीक है और घटना के दौरान वह भी ऑटो में सवार था।

इस धमाके में शरीक के बॉडी का 40 प्रतिशत हिस्सा जल चुका है और उसका उपचार बेंगलुरू के फादर मुलर अस्पताल में चल रहा है। वह कर्नाटक के तीर्थहल्ली का रहने वाला है। उसके ऊपर पहले से ही टेरर लिंक के केस चल रहे हैं। एक मामले में जमानत पर बाहर आया शरीक सितंबर 2022 से ही लापता था। शुरूआती पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दी है। सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी जा सकती है।

राज्य सरकार बता चुकी है इसे आतंकी वारदात

रविवार को कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद ने कहा था कि यह एक सामान्य ब्लास्ट नहीं बल्कि एक आतंकी हमला था। उन्होंने कहा था कि यह हमला बड़ा नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया गया था। मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसियों ( एनआईए और आईबी) की भी सहायता ली जा रही है। इससे पहले भी राज्य के गृह मंत्री अराज्ञा ज्ञानेंद्र भी इसे आतंकी वारदात करार दे चुके हैं।

साउथ इंडिया को दहलाने की साजिश

पिछले दिनों भारत सरकार ने कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके कई सहयोगी संगठनों को बैन कर दिया था। इस दौरान संगठन के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया गया। मेंगलुरू धमाके की जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने आरोपी शफीक से प्रारंभिक पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के हवाले से बताया कि पीएफआई खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस की मदद से साउथ इंडिया को दहलाने की साजिश रच रहा है। दरअसल, दक्षिण भारत में इस प्रतिबंधित संगठन की जड़ें काफी मजबूत है, यही वजह है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मेंगलुरू धमाके की जांच एनआईए को सौंपे जाने पर विचार किया जा रहा है।

पहले भी जेल जा चुका है शरीफ

मेंगलुरू धमाके का आरोपी मोहम्मद शरीक कम उम्र ही कट्टरपंथी इस्लामिक विचारधारा के चपेट में आ गया था। पिता के साथ रेडीमेड कपड़ों की दुकान चलाने वाला शरीक नवंबर 2020 में पहली बार कर्नाटक पुलिस के रडार पर तब आया जब उसे मंगलुरू की दीवारों पर आतंक भरे संदेश लिखने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। वह इस केस में जमानत पर बाहर था। कर्नाटक पुलिस की फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी टीम ने उसके घर से रविवार को जिलेटिन पाउडर, सर्किट बोर्ड, बैटरी, मोबाइल, लकड़ी का चूरा, एल्यूमीनियम मल्टी मीटर, तार, बोल्ट और प्रेशर कूकर बरामद किया था। इसके अलावा टीम ने उसके घर से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और फिनो डेबिट कार्ड भी जब्त किया था। 

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