लोकसभा चुनाव की बातें: बेंगलुरु दक्षिण में तेजस्वी और सौम्या में कांटे का मुकाबला

Lok Sabha Election 2024: बंगलुरु दक्षिण हॉट सीट पर मौजूदा सांसद तेजस्वी सूर्या और कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी के बीच कांटे की टक्कर है। जानें सीट का समीकरण।

Report :  Neel Mani Lal
Update: 2024-04-20 13:15 GMT

कर्नाटक के बेंगलुरु दक्षिण सीट से बीजेपी प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या और कांग्रेस प्रत्याशी सौम्या रेड्डी

लोकसभा चुनाव 2024 में एक हॉट सीट है बंगलुरु दक्षिण जहाँ से भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मौजूदा सांसद तेजस्वी सूर्या चुनाव लड़ रहे हैं। बेंगलुरु दक्षिण में लड़ाई कड़ी है और सूर्या यहाँ पूरा समय और जोर लगाये हुए हैं। उनकी चुनौती कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी हैं, जो पार्टी के कद्दावर नेता और राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं।

अंधाधुंध खर्चा

अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस प्रतिष्ठित निर्वाचन क्षेत्र में पैसा पानी की तरह बह रहा है। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने हाल ही में एक कार से 1.4 करोड़ रुपये नकद जब्त किए, तो सौम्या रेड्डी ने भाजपा को दोषी ठहराया, इस पर तुरंत तेजस्वी सूर्या ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए पलटवार कर दिया क्योंकि उनके कार्यालय ने दावा किया था कि उन्होंने ही पहले शिकायत दर्ज कराई थी। यह राजनीतिक घमासान 26 अप्रैल को अपने चरम पर पहुंचेगा, जब मतदाता अपना फैसला सुनाएंगे।

क्या है समीकरण?

रामलिंगा रेड्डी विधानसभा में बीटीएम लेआउट का प्रतिनिधित्व करते हैं। सौम्या 2018 में जयनगर विधायक चुनी गईं, लेकिन 2023 में वह इसे बरकरार रखने में असफल रहीं।

इस लोकसभा क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच भाजपा के पास और तीन कांग्रेस के पास हैं। लेकिन इससे तेजस्वी सूर्या को ज्यादा आराम नहीं मिल रहा है। चूंकि कर्नाटक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह क्षेत्र है, इसलिए पार्टी अधिक से अधिक सीटें जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, इसलिए रेड्डी वंशज की उम्मीदवारी की गयी है। भाजपा सहित पार्टी लाइन से ऊपर उठकर नेताओं के साथ रेड्डी की मित्रता और आम लोगों से उन्हें मिलने वाला सम्मान स्पष्ट दिखाई देता है। कांग्रेस को लगता है कि वह पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक से आगे निकल सकते हैं और पलड़ा झुकाने के लिए फ्लोटिंग वोटों को पकड़ सकते हैं। रेड्डी बीबीएमपी (ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका) के पूर्व नगरसेवकों सहित सभी चैनलों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही इस सीट पर ‘’अहिंदा’’ वोटों को मजबूत करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार कर चुके हैं अहिन्दा यानी अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग और दलित।

2019 में तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य बी के हरिप्रसाद को 3.31 लाख वोटों के भारी अंतर से हराया था। सूर्या को मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे पर भरोसा है। दूसरी ओर, सौम्या कांग्रेस की पांच गारंटी का जाप करती हैं और अपने पिता के राजनीतिक कौशल पर निर्भर हैं।

पांच गारंटियों के कारण मजदूर वर्ग, विशेषकर महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की ओर झुका हुआ है। उनमें से अधिकांश पूरे निर्वाचन क्षेत्र में दर्जनों झुग्गियों बस्तियों में रहते हैं। लेकिन पारंपरिक भाजपा मतदाता और जद (एस) वाले, ज्यादातर वोक्कालिगा लोग तेजस्वी सूर्या का समर्थन करते हैं। उन्होंने सिद्धगंगा मठ में वोक्कालिगा धार्मिक प्रमुख श्री बालगंगाधरनाथ स्वामीजी और लिंगायत के श्री सिद्धलिंग स्वामीजी से मुलाकात भी की हुई है।

यह निर्वाचन क्षेत्र तीन दशकों से अधिक समय तक भाजपा का गढ़ रहा। 2018 में अपने असामयिक निधन से पहले पांच बार लोकसभा में इसका प्रतिनिधित्व पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने किया था। अनंत कुमार ने 2014 में इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को हराया था।

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