लोकसभा चुनाव की बातें: केरल की राजधानी में पोस्टर वॉर

Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस प्रत्याशी शशि थरूर और भाजपा के राजीव चंद्रशेखर के बीच पोस्टर वॉर भी छिड़ी हुई है। हर जगह पोस्टर और बैनर ही छाये दिखाई दे रहे हैं।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-04-20 18:24 IST

Lok Sabha Election 2024: केरल की राजधानी तिरुवंतपुरम में मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी शशि थरूर और भाजपा के राजीव चंद्रशेखर के बीच दिखाई दे रहा है। वजह दोनों का व्यापक प्रचार अभियान है। दोनों के बीच पोस्टर वॉर भी छिड़ी हुई है। हर जगह पोस्टर और बैनर ही छाये दिखाई देते हैं लेकिन केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का अभियान ज्यादा भारी है और निर्वाचन क्षेत्र के कई हिस्सों में उनके पोस्टर और बैनरों की संख्या शशि थरूर से भी अधिक है। वैसे, यहाँ सीपीआई के पन्नियन रवीन्द्रन भी मैदान में हैं , जिन्होंने 2005-2009 तक इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया था। उसके बाद थरूर ने यहाँ अपना सिक्का जमाया।

एक लाख वोटों से हारे थे राजशेखरन

थरूर ने 2019 में भाजपा के कुम्मनम राजशेखरन को लगभग एक लाख वोटों से हराया था। थरूर अपनी पार्टी की राष्ट्रव्यापी पिच के अनुरूप कहते हैं - हमने भाजपा के कुशासन को समाप्त करके भारत की बहुसंस्कृतिवाद को फिर से हासिल करने और हर धर्म, क्षेत्र और भाषाई समूह के सभी लोगों को एक मानने वाली प्रणाली को वापस लाने के लिए इस मिशन पर काम शुरू किया है। दूसरी ओर, चन्द्रशेखर का कहना है कि वह अपने विरोधियों की बातों पर ध्यान नहीं देंगे, बल्कि केवल विकासात्मक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उनका लक्ष्य तिरुवनंतपुरम को एक तकनीकी केंद्र बनाना, युवाओं को कौशल प्रदान करना और सुलभ बनाना है। थरूर पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने आरएसएस के संस्कृति भवन में एक सभा में कहा - मैं सिर्फ लोगों की समस्याओं को हल करना चाहता हूं और वैश्विक नागरिक बनने या अंग्रेजी साहित्य में विशेषज्ञ बनने की मेरी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है।"

क्या है समीकरण?

तिरुवनंतपुरम में शहरी, तटीय और ग्रामीण मतदाताओं का मिश्रण है। मतदाताओं में 68 फीसदी हिंदू, 19 फीसदी ईसाई और 13 फीसदी मुस्लिम शामिल हैं। तीनों प्रमुख उम्मीदवार, थरूर, चंद्रशेखर और रवींद्रन, ऊंची जाति के नायर समुदाय से हैं, जो हिंदू मतदाताओं के बीच एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नायर समुदाय के संगठन ‘नायर सर्विस सोसाइटी’ के महासचिव जी सुकुमारन नायर ने थरूर को समर्थन है, हालांकि समुदाय के सदस्यों की निष्ठा तीन दलों के बीच विभाजित होती दिख रही है।

-निर्वाचन क्षेत्र में ईसाई और मुस्लिम समुदाय के वोट महत्वपूर्ण होंगे। तटीय क्षेत्र में रहने वाले ईसाई समुदाय में अडानी समूह की विझिंजम परियोजना को लेकर सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ के साथ-साथ भाजपा सरकार के खिलाफ कुछ नाराजगी है।

-लोगों का मानना है कि मुकाबला मुख्य रूप से थरूर और चंद्रशेखर के बीच होगा। वामपंथी ज़मीनी स्तर पर बेहतरीन गतिविधि कर रहे हैं, लेकिन लोग राज्य सरकार के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं।

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