शनि शिंगणापुर: 400 साल पुरानी परंपरा टूटी, महिलाओं को भी पूजा की इजाजत

Update: 2016-04-08 09:48 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब महिलाओं को पूजा करने की इजाजत मिली है। शनि शिंगणापुर ट्रस्ट की अध्यक्ष अनीता शेटे ने कहा कि ट्रस्ट सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने और पूजा की अनुमति देता है। महिलाओं पर किसी तरह की रोक-टोक नहीं होगी।

हंगामा के बाद बदला फैसला

-बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मंदिर ट्रस्ट महिलाओं को पूजा करने के अधिकार के खिलाफ अड़ा था।

-शुक्रवार को पुरुष श्रद्धालुओं के जबरन घुसने के बाद ही महिलाओं को भी पूजा करने की इजाजत दी गई।

-इस आदेश ने मंदिर का इतिहास बदल दिया।

-ट्रस्ट ने तृप्ति देसाई को मंदिर में पूजा करने के लिए आमंत्रित किया है।

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सीएम फड़नवीस बोले- ये शर्मनाक है

राज्य के सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा, 'यह बेहद शर्मनाक है। 21वीं सदी में महिलाओं को भगवान की पूजा के लिए भी लड़ाई लड़नी पड़ रही है। भगवान ने कभी जाति, धर्म या महिला-पुरुष के आधार पर पूजा के लिए नहीं कहा। उन्होंने कहा, मैं सभी से आग्रह करता हूं कि महिलाओं का समर्थन करें। कोई उन्हें रोक नहीं सकता।'

पुलिस देखती रही तमाशा

-इससे पहले शुक्रवार सुबह बड़ी संख्या में पुरुष श्रद्धालु मंदिर में घुसे और पुलिस चुपचाप तमाशा देखती रही।

-पुलिस किसी को भी रोक पाने में नाकाम रही।

तृप्ति देसाई भी रवाना

-मंदिर में पूजा को लेकर महिलाओं के अधिकार की आवाज उठाने वाली एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई भी शनि शिंगणापुर मंदिर के लिए पुणे से रवाना हुईं।

-वह महिलाओं को शनि मंदिर में प्रवेश और पूजा का अधिकार देने की लड़ाई लड़ रही हैं।

-उनकी अपील पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि देश का कानून सभी के लिए बराबर है और किसी को भी मंदिर में प्रवेश से रोका नहीं जा सकता।

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