शाह का नया मिशन, कहा- बना देंगे कांग्रेस मुक्त नॉर्थ ईस्ट
कांग्रेस मुक्त पूर्वोत्तर का नारा बुलंद करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को विश्वास जताते हुए कहा कि पार्टी की अगुवाई में नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) पूर्वोत्तर के आठ में से बचे तीन राज्यों में भी अपनी सरकार बनाएगा।
नई दिल्ली: कांग्रेस मुक्त पूर्वोत्तर का नारा बुलंद करने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को विश्वास जताते हुए कहा कि पार्टी की अगुवाई में नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) पूर्वोत्तर के आठ में से बचे तीन राज्यों में भी अपनी सरकार बनाएगा।
शाह ने दूसरे एनईडीए सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि घुसपैठ, वोट-बैंक की राजनीति और हत्यारे समूहों का राजनीतिक प्रयोग किए जाने से पूर्वोत्तर का विकास बाधित हुआ है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम सही दिशा में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं। हमारे पास ऐसे सीएम हैं जो एनईडीए के सदस्य हैं। मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि (पूर्वोत्तर के) सभी आठ राज्यों में एनईडीए की सरकार बनेगी।"
शाह ने कहा, "मैं आशा करता हूँ कि एनईडीए की अगली बैठक में आठों राज्यों के सीएम बैठे होंगे और एनईडीए आठों राज्यों का प्रतिनिधित्व करेगा।"
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इससे पहले असम के वित्त मंत्री ने कहा कि एनईडीए ऐसे पार्टियों का समूह है जो पूर्वोत्तर भारत के विकास और कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के लिए अग्रसर है।
सम्मेलन में असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और नागालैंड के सीएम शामिल हुए। अन्य तीन राज्यों में से त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी की सरकार है वहीं मेघालय एवं मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है। शाह ने कहा कि गत 65 सालों में क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया।
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उन्होंने कहा, "क्षेत्र का विकास घुसपैठ नहीं रोक पाने और उग्रवादियों को मुख्य धारा में शामिल नहीं कर पाने की वजह से अवरुद्ध हुआ। क्षमता के बावजूद राज्य विकास नहीं कर पाया।
यहां की नैसर्गिक सुंदरता की वजह से क्षेत्र में क्षमता है कि यह एक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित हो सके। 65 सालों में, जवाहर लाल नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक कांग्रेस की सरकारों ने जो किया, वह हमने यहां केवल तीन सालों में किया है, यहां तक कि उनसे ज्यादा किया है।"
शाह ने कहा कि उनकी पार्टी ने क्षेत्र के विकास के लिए बीते तीन साल में काफी कदम उठाए हैं। उन्होंने क्षेत्र के लोगों के बीच सांस्कृतिक एकता बनाए रखने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि एनईडीए केवल एक राजनीतिक मंच नहीं है बल्कि यह पूर्वोत्तर के लोगों को पूरे देश से सांस्कृतिक रूप में जोड़ने का एक पवित्र प्रयास है। यहां 270 से ज्यादा जाति और संस्कृति है और 180 से ज्यादा भाषाएं बोली जाती हैं।
संस्कृति में इतनी विविधता को एकसूत्र में पिरोए रखना राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और बीजेपी का मुख्य उद्देश्य है। क्षेत्र की सभी सभ्यताओं और संस्कृति को एक साथ लाकर एनईडीए एक सांस्कृतिक मंच बनेगा और साथ ही पूर्वोत्तर के विकास का भी मंच बनेगा।
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