नई दिल्ली: अमृतसर के पास शुक्रवार को हुए रेल हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 61 हो गई। दशहरे के मौके पर हुए रेल हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों का बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि रावण दहन कार्यक्रम के बारे में उन्हें पूर्व में कोई सूचना नहीं दी गई थी।
पुतला दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर एकत्र होना स्पष्ट रूप से अतिक्रमण का मामला था। इस कार्यक्रम के लिए रेलवे की तरफ से कोई मंजूरी नहीं दी गई थी।
रेलवे के अफसरों ने इस हादसे के लिए अमृतसर प्रशासन और स्थानीय लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की पहले से ही जानकारी थी और इसमें एक वरिष्ठ मंत्री की पत्नी भी शामिल हुई थी।
अफसरों ने आगे कहा, ‘‘हमें इस बारे में पूर्व में कोई भी सूचना नहीं दी गई थी और हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति भी नहीं दी गई थी। यह अतिक्रमण का मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।''
इतनी भीड़ को देखने के बाद भी रेल चालक ने गाड़ी नहीं, इस सवाल पर अफसरों ने कहा कि ‘‘वहां काफी धुंआ उठ रहा था। इस वजह से चालक को कुछ भी नजर नहीं आया । गाड़ी उस वक्त टर्न पर भी थी''।
ये भी पढ़ें...पंजाब : अमृतसर रेल हादसे की पुलिस ने जांच शुरू की