अन्ना की तमन्ना ! नए साल में मोदी सरकार को 'आंदोलन' का रिटर्न गिफ्ट
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने नए साल की शुरुआत में दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए कमर कस ली है।
नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने नए साल की शुरुआत में दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए कमर कस ली है। अन्ना ने महाराष्ट्र में रालेगण सिद्धि के अपने गांव में ऐलान किया कि वे दिल्ली में जनवरी आखिर या फरवरी के पहले सप्ताह में देश में भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने की मोदी सरकार की नाकामी के खिलाफ आंदोलन नए सिरे से आरंभ करेंगे।
अब मोदी सरकार को अन्ना करेंगे बेनकाब
79 साल के अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने देश की जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने केंद्र में सत्ता में आने के पहले देश की जनता से वादा किया था कि वे भारत को पूरी तरह भ्रष्टाचार से मुक्त कर देंगे।
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इसके उलट लोकपाल कानून के मसौदे के पर कतर दिए गए और आज तक लोकपाल का गठन नहीं किया। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मौजूदा हालात के चलते देश और समाज का कोई भला नहीं होने वाला है। ऐसी सूरत में दुखी होकर उनके समक्ष मोदी सरकार को बेनकाब करने के अलावा कोई उपाय नहीं है।
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पीएम की नीयत से उठा भरोसा
पीएम मोदी के इस रवैये पर पूरी तरह निराशा जाहिर करते हुए अन्ना ने कहा कि मुझे पीएम मोदी से बहुत सारी उम्मीदें थीं कि वे लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त गठन करवाने की दिशा में तेजी से काम करेंगे।
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पिछले तीन साल से लगातार पत्र लिखने के बावजूद मोदी सरकार ने कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब उनका भी पीएम की नीयत से पूरी तरह भरोसा उठ चुका है।
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गौरतलब है कि 6 साल पहले अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान से जनलोकपाल बिल के लिए भूख हड़ताल की थी। इस दौरान उनके साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी और बाबा रामदेव, कुमार विश्वास समेत कई लोग थे। जिसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले यूपीए सरकार ने 2013 में लोकपाल कानून पास कर दिया था।