नई दिल्ली: अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रहे वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा केंद्र की मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाने के बाद आज वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार किया। जेटली ने नोटबंदी और जीएसटी को अर्थव्यस्था के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि महंगाई को रिकॉर्ड स्तर पर ले जाने वाले सवाल पूछ रहे हैं। उनका निशाना कांग्रेस की ओर भी था।
यशवंत सिन्हा का नाम लिए बिना अरुण जेटली ने कहा, 'मुझे पूर्व वित्त मंत्री होते हुए स्तंभकार बनने का गौरव प्राप्त नहीं हुआ।' गौरतलब है कि यशवंत सिन्हा ने अख़बार में एक लेख के जरिए मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल खड़े किए थे।
यूपीए पर लगाया 'पॉलिसी पैरालिसिस' का आरोप
आलोचकों पर हमला करते हुए जेटली ने कहा, कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई प्रयास किए। पिछली यूपीए सरकारों पर जेटली ने 'पॉलिसी पैरालिसिस' का आरोप लगाया।
पहले जल्दबाजी पर हुई आलोचना
जेटली ने आगे कहा, कि शुरुआत में उनकी आलोचना इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने बदलाव जल्दी किए। बोले, 'जीएसटी के बाद सबसे बड़ी आलोचना यह हुई कि मैंने नोटबंदी के तुरंत बाद जल्दबाजी में जीएसटी क्यों लागू किया।'
हमें विरासत में मिली महंगाई
महंगाई पर अपनी सरकार की तारीफ करते हुए अरुण जेटली ने कहा, 'हमें विरासत में महंगाई दर 9 से 10 प्रतिशत के पास मिली थी, जो अब 3.6 प्रतिशत तक आ चुकी है।' जेटली ने ये बातें इंडिया@70 मोदी@3.5 किताब की लॉन्चिंग पर कही।
दिखेगा दूरगामी परिणाम
जेटली ने कहा, कि 'नोटबंदी और जीएसटी के दूरगामी परिणाम होंगे। उन्होंने बताया कि देश में विदेशी मुद्रा भंडार पहले की अपेक्षा बढ़ा है।' इससे पहले बुधवार को भी कैबिनेट बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, कि 'अर्थव्यवस्था को कोई खतरा नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। जबकि यशवंत सिन्हा के बेटे और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने भी लेख के जरिए सरकार का पक्ष रखा था।