नोएडा के एक्सिस बैंक में IT का छापा, 20 फर्जी खातों में जमा मिले 60 करोड़ रुपए
नोएडा: सेक्टर-51 स्थित एक्सिस बैंक में गुरुवार को आयकर विभाग ने छापा मारा। इस दौरान कर्मचारियों को बैंक से बाहर जाने नहीं दिया गया। खातों की जांच की गई। जांच में 20 फर्जी कंपनियों के नाम से खाते मिले। जिसमें आठ नवंबर से अब तक करीब 60 करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। फिलहाल आयकर विभाग की टीम बैंक मैनेजर से पूछताछ कर रही है। बताया गया है कि यह पैसा किसी ज्वेलर का है।
नोटबंदी के बाद बेची 100 करोड़ की सोने की ईंट
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह पैसा किसी ज्वेलर का है। जिसने नोटबंदी के बाद करीब 100 करोड़ रुपए की सोने की ईंट बेची थी। उसने यह पैसा सफ़ेद करने के लिए एक्सिस बैंक में 20 बोगस खाते खुलवाए। सभी खातों में पैसा जमा कराया गया। यह पैसा अलग-अलग मदों में जमा किए गए। ताकि इस कालेधन को सफ़ेद किया जा सके।
बैंक में काम बंद
बैंक में अधिकारियों से पूछताछ जारी है। हालांकि बैंक में पैसा जमा करने और निकालने वालों की भीड़ है। बावजूद इसके काम बंद कर दिया गया है। दूसरी तरफ, आयकर विभाग के अधिकारी खातों की जांच कर रहे हैं।
मीडिया वालों पर भड़के बैंक कर्मी
छापेमारी की खबर लगते ही बैंक पहुंचे मीडियाकर्मियों के साथ एक्सिस बैंक वालों ने अभद्रता की। कैमरे तोड़ने की कोशिश भी की गई। साथ ही कुछ मीडियाकर्मियों के कैमरे तक छीन लिए गए। लोगों की भारी भीड़ बैंक के सामने कतार में खड़ी है। ये सभी जमकर हंगामा कर रहे हैं। लिहाजा भारी संख्या में पुलिसबल बैंक के पास तैनात किया गया है।
पूछताछ जारी
दूसरी तरफ, आयकर विभाग के अधिकरियों द्वारा अब भी पूछताछ का सिलसिला लगातार जारी है। ढाई घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। न तो कोई कर्मचारी बैंक से बाहर आया है और न ही किसी को अंदर जाने दिया जा रहा है।
20 कंपनियों के खाते मजदूरों के नाम पर
एक्सिस बैंक में खोले गए सभी 20 कंपनियों के बोगस खातों का मालिक, मजदूरों को बनाया गया है। बताया गया कि नोट एक्सचेंज करने के दौरान इन मजदूरों ने पुराने नोट बदलवाए थे। जिसके बाद इन आइडी का इस्तेमाल कर कंपनियों के नाम पर खाते खोले गए।
छह सौ करोड़ रुपए की सोने की ईंटें बेची
आयकर विभाग ने एक ज्वेलर के यहां भी छापेमारी की। जिसका कनेक्शन एक्सिस बैंक से है। बताया जाता है कि ज्वेलर ने करीब छह सौ करोड़ रुपए की सोने की ईंट बेची। जिनके रुपए सिर्फ एक्सिस बैंक नहीं बल्कि अन्य बैंकों के खातों में भी जमा किए गए हैं। आयकर विभाग की टीम इसकी भी जांच कर रही है।