रामपुर में आजम के खिलाफ उठी आवाज, लोगों ने कहा-मंत्री उजाड़ रहे घर

Update: 2016-03-01 14:00 GMT

रामपुर: रामपुर शहर के बीचों-बीच रहने वाले 50 परिवारों ने अपना घर बचाने राज्यपाल से गुहार लगाई है। इन लोगों का आरोप कि सपा सरकार के मंत्री आजम खान स्कूल बनवाने के लिए उनका घर उजड़ना चाहते हैं।

लोगों का आरोप

-प्रशासन की ओर से हर महीने किसी एक बस्ती को उजाड़ने का फरमान जारी किया जाता है।

-इस सूची में वाल्मीकि बस्ती, बुलंद बंगलो, रामनाथ काॅलोनी, सीमेंट फैक्ट्री काॅलोनी, डूंगरपुर काॅलोनी के नाम हैं।

-सपा सरकार आने के फौरन बाद सिविल लाइंस के पाॅश इलाके से 22 दुकानें ध्वस्त की गई थी।

-उसके बाद से घर और संस्थानों को उजाड़ने का सिलसिला जारी है।

ताजा मामला सराये गेट का

मकान गिराए जाने का ताजा मामला सराये गेट के नाम से मशहूर यतीम खाने का है। यतीम खाने में करीब पचास परिवार रहते हैं। यहां रह रहे परिवारों का कहना है कि वक्फ महकमे के अफसर और आजम खां के चहेते आरपी सिंह पुलिस के साथ आए थे और घर खाली करने का फरमान सुना दिया। आए दिन इन लोगों को धमकाया जाता है।

आरोप-आजम खान के इशारे पर दिया जा रहा अल्टीमेटम

-गरीबी में जिंदगी जी रहे इन लोगों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना प्रशासन उन्हें उजाड़ रहा है।

-बाशिंदों को जगह खाली करने का मौखिक अल्टीमेटम भी दे दिया गया है।

-आरोप है कि आजम खां इस जमीन पर एक निजी स्कूल बनाना चाहते हैं।

-इसकेे लिए जमीन और घरों को खाली कराया जा रहा है।

बेरोजगारी से जूझ रहे लोगों पर दोहरी मार

स्थानीय लोगों का कहना है वे पहले से ही बेरोजगारी से जूझ रहे थे। अब आशियाना बचाने की चिंता उन्हें सताई जा रही है। घर बचाने के लिए प्रतिनिधियों से भी मदद मांग रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रहे है। इस वजह से करीब तीन सौ लोग बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं।

कैसे बसा यतीम खाना?

-रिसायतकालीन दौर में नवाबों ने शरणार्थियों को यतीम खाना वक्फ किया था।

-इसके बाद से ये लोग यहां के बाशिंदों के रूप में रह रहे हैं।

-यहां इनकी कई पीढ़ियां बीत चुकी हैं।

स्थानीय लोगों ने अब कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्क प्रकोष्ठ के प्रदेश को-आॅर्डिनेटर फैसल लाला से गुहार लगाई है। फैसल लाला ने इन लोगों की ओर से एक ज्ञापन प्रदेश के राज्यपाल को भेजी है।

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