स्वयंभू बाबा रामपाल को बच्चे समेत पांच लोगों की हत्या में उम्रकैद की सजा

Update: 2018-10-16 08:17 GMT

नई दिल्ली:सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हत्या के दो मामलों में हिसार की अदालत ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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रामपाल पर वर्ष 2014 में मुकदमा नंबर 429 दर्ज हुआ था। जिसमे रामपाल समेत 15 लोग आरोपी रहे। यह केस 4 महिलाओं और एक बच्चे की मौत से जुड़ा है। वहीं दूसरा मुकदमा नंबर 430 है जिसमे रामपाल समेत 13 आरोपी हैं। इस केस में एक महिला की मौत हुई थी। इन दोनों मुकदमों में रामपाल समेत 6 लोग ऐसे हैं, जो दोनों मुकदमों में आरोपी हैं। हालांकि यह फैसला हत्या के पांच मामलों में आया है।

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रामपाल का जन्म सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में रामपाल दास का जन्म हुआ। राम पाल को सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई। रामपाल संत स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य बन गए थे। 1995 को संत रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। 1999 में रामपाल ने सतलोक आश्रम की नींव रखी।

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