जय श्री राम बोलने वाले नीतीश के मुस्लिम मंत्री ने मांगी माफी, जारी हुआ था फतवा

नीतीश सरकार में मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ फिरोज अहमद ने 'जय श्रीराम' का नारा लगाकर सुर्खियों में आने बाद आखिरकार माफी मांग ली है।

Update: 2017-07-30 12:08 GMT

पटना: नीतीश सरकार में मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ फिरोज अहमद ने 'जय श्रीराम' का नारा लगाकर सुर्खियों में आने बाद आखिरकार माफी मांग ली है। सीएम नीतीश कुमार से मिलने के बाद खुर्शीद ने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अगर उनके 'जय श्रीराम' नारे लगाने से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो वह माफी मांगते हैं। खुर्शीद पश्चिमी चंपारण जिले के सिकटा विधानसभा के विधायक हैं।

क्या है मामला ?

दरअसल, नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट जीतने के बाद बिहार विधानसभा में खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। जिस कारण उसके खिलाफ फतवा जारी किया गया। बिहार में जेडीयू कोटे से मंत्री बने खुर्शीद ने कहा था कि महागठबंधन टूटने के लिए मनोकामना मंदिर में पूजा की थी। इस दौरान उन्होंने कैमरे के सामने हाथ में बंधे रक्षासूत्र भी दिखाये था। बता दें, कि नीतीश की नई कैबिनेट में एकमात्र अल्पसंख्यक चेहरा खुर्शीद उर्फ फिरोज को अल्पसंख्यक कल्याण और गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी मिली है।

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क्या कहा फतवा जारी करने वाले मुफ्ती ने ?

मंत्री खुर्शीद अहमद उर्फ़ फिरोज अहमद के खिलाफ इमारत-ए-शरिया ने फतवा जारी किया। मुफ्ती सुहैल अहमद कासमी ने फतवा जारी करते हुए उन्हें इस्लाम से खारिज और मुर्तद (विश्वास नहीं करने वाला) करार दिया। सुहैल अहमद कासमी ने कहा कि मंत्री को इस्लाम के साथ निकाह से भी बेदखल किया गया है। अब उनको इस्लाम में आने के लिए कलमा पढ़ना होगा।

फिरोज ने देश के 18 करोड मुसलमानों के साथ ही इस्लाम और कुरान की भी तौहीन की है। फतवा जारी करने वाले ने कहा कि राम और रहीम नदी के दो किनारे हैं जो कभी एक नहीं हो सकते। ये सिर्फ किताबों में होता है कि राम और रहीम एक हैं।

मौलाना कासमी बोले, ‘इस्लाम में खुदा के अलावा किसी और की इबादत नहीं की जा सकती। ऐसा करना हराम है और फिरोज ने इस्लाम विरोधी, कुरान विरोधी और शरीयत के विरोध में काम किया है।’

मौलाना से ये पूछे जाने पर कि मंत्री ने यदि गलत काम किया तो इसकी सजा उसकी बीवी को क्यों दी जा रही है ​के जवाब में उन्होंने कहा कि इस्लाम को मानने वाली कोई महिला किसी ऐसे मर्द के साथ नहीं रह सकती जिसने धर्म विरोधी या इस्लाम विरोधी काम किया हो।

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फतवा जारी होने के बाद क्या कहा था मंत्री ने ?

ऊपर वाला जानता है कि ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने के पीछे मंशा क्या थी। मेरा काम बताएगा कि मैं कौन हूं। अगर मुझे बिहार के लोगों के लिए विकास और सामंजस्य के लिए ‘जय श्री राम’ कहना पड़ता है तो मैं कभी इससे पीछे नहीं हटूंगा। बिहार के लिए मैं 100 बार ‘जय श्री राम’ बोलूंगा।

मैं इमारत शरिया का सम्मान करता हूं। उन्हें फतवा जारी करने से पहले मेरा इरादा पूछना चाहिए था। मुझे डर क्यों होना चाहिए? हम सभी इंसान हैं और इस्लाम का कहना है कि किसी से नफरत नहीं करो। आपको प्रेम फैलाना चाहिए।

 

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