नई दिल्ली: असम में सरकार बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) का मानना है कि अगले साल यूपी विधानसभा चुनाव में उसका मेन मुकाबला सपा से होगा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रेसिडेंट अमित शाह ने बुधवार को इसका कारण स्पष्ट करते हुए तर्क दिया कि सपा का न केवल कैडर, बल्कि जनाधार भी बहुत मजबूत है।
शाह ने कहा कि पार्टी यूपी में कानून-व्यवस्था और विकास को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाकर आगे की रणनीति तैयार करेगी। केंद्र में एनडीए सरकार के दो साल पूरे होने पर शाह सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ-साथ पत्रकारों से मुलाकात कर रहे थे।
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यूपी में सीएम कैंडिडेट पर अब भी संशय
-उन्होंने दावा किया कि चुनावी लिहाज से यूपी बीजेपी के लिए असम से ज्यादा मजबूत आधार है।
-पार्टी वहां अर्से से काम कर रही है।
-अमित शाह से जब ये पूछा गया कि यूपी में भी पार्टी किस को सीएम पद का दावेदार घोषित कर चुनाव लड़ेगी।
-इस पर शाह ने कहा अभी फैसला नहीं हुआ है। दोनों विकल्प खुले हैं और संसदीय बोर्ड इस पर फैसला करेगा।
-राज्य में कांग्रेस और बसपा के गठबंधन की अटकलों पर शाह ने कोई टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, जब होगा तब देखेंगे।
-शाह के साथ इस मौके पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और भाजपा संगठन मंत्री रामलाल मौजूद थे।