बॉम्बे HC ने पूछा- जब संजय दत्त आधे वक्त पैरोल पर ही थे, तो सरकार ने पहले रिहाई कैसे दी?
मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार (12 जून) को महाराष्ट्र सरकार से संजय दत्त की जल्द रिहाई को लेकर सवाल-जवाब किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से सफाई मांगी है कि वो बताएं कि आखिर संजय दत्त को 8 महीने पहले जेल से कैसे रिहा कर दिया गया, जबकि वे ज्यादातर वक्त पैरोल पर बाहर ही रहे।
गौरतलब है, कि संजय दत्त को 1993 में हुए बॉम्बे बम ब्लास्ट मामले में 5 साल की सजा हुई थी। संजय को हथियार रखने के तहत दोषी पाया गया था। उन्होंने अपनी सजा महाराष्ट्र के यरवाडा सेंट्रल जेल में काटी। संजय के अच्छे व्यव्हार के कारन उन्हें पिछले साल फरवरी में रिहा कर दिया गया था।
रिहाई के लिए क्या थी प्रक्रिया?
सोमवार को जस्टिस आरएम सावंत और साधना जाधव की बेंच ने सरकार से इस संबंध में एक हलफानामे की मांग की। जिसमें पूछा गया, कि संजय दत्त को रिहा करने से पहले कौन सी प्रक्रिया और पैरामीटर फॉलो किया गया? इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए।
बेंच ने पूछे ये सवाल
कोर्ट की बेंच ने ये भी पूछा, कि क्या पुलिस इंसपेक्टर जनरल (जेल) से सलाह ली गई थी? या जेल सुप्रीडेंट ने सीधे गवर्नर को सुझाव भेज दिए थे? कैसे ऑथरिटी ने संजय दत्त के अच्छे व्यवहार का फैसला कर लिया? सरकार को यह समझने का आखिर मौका कब मिल गया, जबकि संजय दत्त ज्यादातर वक्त पैरोल पर जेल से बाहर ही रहे।