#BRICS: चीनी प्रेसिडेंट जिनपिंग से मिले PM मोदी, आतंकवाद और NSG पर हुई चर्चा

Update: 2016-10-15 04:13 GMT

गोवाः ब्रिक्स सम्मेलन साउथ गोवा के बेनाउलिम गांव में शनिवार से शुरू हुआ। इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। दो दिन तक चलने वाले इस ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम मोदी समेत 11 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं।

शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर अहम बातचीत हुई। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया कि जिनपिंग के साथ मीटिंग सार्थक रही। बताया जा रहा है कि जिनपिंग से मुलाकात में मोदी ने मसूद अजहर और एनएसजी सदस्यता का मुद्दा उठाया।

आतंकवाद महत्वपूर्ण मुद्दा

-विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक भारत और चीन दोनों ने आतंकवाद को एक महत्वपूर्ण मुद्दा माना है।

-पीएम मोदी ने कहा कि आज कोई भी देश आतंकवाद के खतरे से बचा नहीं है।

-वहीं चीन के प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत और चीन को आतंकवाद रोधी कदमों को और मजबूत करना होगा।

-चीन के साथ एनएसजी के मुद्दे पर भी बातचीत हुई।

-आतंकी मसूद अजहर के मसले पर विकास स्वरूप ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रहेगी।

यह भी पढ़ें ... भारत रूस के बीच न्यूक्लियर एनर्जी, एयर डिफेंस समेत 16 बड़े समझौतो पर हुए हस्ताक्षर

चीन के प्रेसिडेंट ने वाराणसी भगदड़ की घटना पर जताया शोक

-चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग ने पीएम मोदी से बातचीत के दौरान वाराणसी भगदड़ की घटना पर शोक जताया।

-इससे पहले गोवा में ब्रिक्स समिट से पहले भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद 16 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

आगे की स्लाइड में पढ़ें पीएम मोदी के ट्वीट्स....





















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क्या है ब्रिक्स?

-ब्रिक्स दुनिया की पांच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है

-BRICS में ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका देश शामिल हैं।

-इसका गठन साल 2009 में हुआ था।

-ब्रिक्स में शामिल पांचों देश G 20 का भी हिस्सा हैं।

-साल 2010 में साउथ अफ्रीका इसका हिस्सा बना।

-उससे पहले इसे 'ब्रिक' नाम से ही जाना जाता था।

-इस समूह को बनाने का मकसद अपने इकोनॉमिक और पॉलिटिकल दबदबे से वेस्टर्न कंट्रीज के रुतबे को चुनौती देना है।

-इन पांचों देशों की जीडीपी 1600 हजार करोड़ रुपए है।

-ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।

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