लखनऊ: यूपी सरकार ने 24 घंटे बिजली देने का वादा किया है। पर यहां तो चिराग तले ही अंधेरा दिख रहा है। जी हां, बिजली विभाग ने सरकार को ही अंधेरे में रखा और सरकार के सामने फायदे और नुकसान का जो आंकड़ा रखा है, उसमें तथ्यों को छिपाया गया है। कंप्ट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की रिपोर्ट में यह सामने आया है। जिस साल बिजली विभाग की शुद्ध हानि 3893.55 करोड़ की हुई, उसी साल 6074 करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया।
कॉरपोरेशन के खाते सही स्थिति में नहीं
यूपीपीसीएल की 2007—08 की सालाना रिपोर्ट में पावर कॉरपोरेशन के खाते यथार्थ और सत्य स्थिति नहीं दर्शा रहे हैं। सीएजी ने यह टिप्प्णी की है।
हानि में 56 फीसदी से अधिक की बढ़ोत्तरी की गई दर्ज
रिपोर्ट में कहा गया है कि पावर कॉरपोरेशन के हानि में 56 फीसदी से भी अधिक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट कॉरपोरेशन के इंजीनियरों को आइना दिखाती है।
विधानसभा में यूपीपीसीएल के छह वर्षों की सालाना रिपोर्ट हुई पेश
विधानसभा में शुक्रवार को यूपीपीसीएल के 2007—08 से 2012—13 तक की सालाना रिपोर्ट पेश की गई। इसमें रिपोर्ट पेश करने में हुई देरी का भी उल्लेख किया गया है।
क्या कहता है यूपीपीसीएल प्रबंधन
ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियां सुधार की प्रक्रिया मे हैं। उनका कहना है कि लेखीय पद्धति और प्रक्रिया अभी भी अस्थिर स्थिति में है।