CBI Vs CBI: ये हैं सुप्रीम कोर्ट फैसले की अहम बातें, दो हफ्ते में जांच पूरी करने का आदेश

Update:2018-10-27 19:59 IST

नई दिल्‍ली: सीबीआई के अंदरखाने का विवाद बाहर आने के बाद हर तरफ सीबीआई- सीबीआई के खेल में रोज कुछ नया हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने इस पूरे मामले को सुनकर अपना फैसल सुनाया है। इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने एक रिटायर्ड जज की देखरेख में आलोक वर्मा की जांच को दो हफ्ते में पूरा करने को कहा है।

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इन प्‍वाइंट्स पर हुई बहस

सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के लिए जिरह कर रहे थे वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन। उन्होंने कहा- वर्तमान मामला इस बात को लेकर है कि क्या सबीआई डायरेक्टर के दो साल के कार्यकाल को किसी भी समय समाप्त कर देना उल्लंघन नहीं है?

सीजेआई रंजन गोगोई ने आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम मामले की जांच करेंगे। एकमात्र चीज जो हमें देखनी है वह यह है कि किस प्रकार का अतंरिम आदेश पारित किया जाना है।

सीजेआई रंजन गोगोई ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज या रिटायर्ड जस्टिस द्वारा मामले की जांच करवाई जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए रिटायर्ड एससी जज एके पटनायक का नाम तय किया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने नीतिगत फैसला लेने पर लगाई रोक

इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि अंतरिम सीबीआई निदेशक कोई भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे। वह सिर्फ नियमित काम देखेंगे और कोई भी बड़ा फैसला लेने का अधिकार उन्हें नहीं है।

सीजेआई ने फैसला सुनाते हुए कहा कि नागेश्वर राव के अंतरिम निदेशक बनने के बाद से जितने भी फैसले लिए गए हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष 12 नवंबर को सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोप और प्रत्यारोपों पर सीवीसी की जांच अदालत की निगरानी में 10 दिन के भीतर पूरी की जानी चाहिए। केंद्र सरकार और सीबीआई सीवीसी की सीलबंद रिपोर्ट 10 दिन के भीतर अदालत में पेश करेंगे। इसपर सीवीसी ने कहा कि 10 दिन का समय पर्याप्त नहीं है। जिसके बाद उन्हें दो हफ्ते का समय कोर्ट ने दिया है।

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राकेश अस्‍थाना को भी नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने सीवीसी, केंद्र सरकार और सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 12 नवंबर को होगी। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जबतक मामले की अगली सुनवाई नहीं कर लेता तबतक नागेश्वर राव एक भी नीतिगत फैसला नहीं लेंगे।

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