3 तलाक का खात्मा ! बनेगा कानून, शीत सत्र में मोदी सरकार लाएगी विधेयक

तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। केंद्र सरकार तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए संसद के इस शीतकालीन सत्र में बिल ला सकती है।

Update: 2017-11-21 10:39 GMT

नई दिल्ली : तीन तलाक के खिलाफ मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए संसद के इस शीतकालीन सत्र में विधेयक ला सकती है।

बताया जा रहा है कि कानून बनाने के लिए मंत्रियों की एक समिति का गठन किया गया है। सरकार आगामी सत्र में इस कानून को लाने का प्रस्ताव दे सकती है। पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने एक साथ तीन तलाक पर रोक लगाते हुए सरकार को कानून बनाने की सलाह दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के तीन तलाक के खिलाफ फैसले को और भी प्रभावी तरीके से बनाने के लिए केंद्र सरकार इस मामले को आगे बढ़ा रही है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (22 अगस्त) को तीन तलाक के मुद्दे पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि तीन तलाक रोकने के लिए केंद्र सरकार संसद में कानून बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर फिलहाल 6 महीने की रोक लगाई थी।

तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के वक्त संवैधानिक बेंच में सभी धर्मों के जस्टिस शामिल रहे। इनमें तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (ईसाई), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल थे।

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तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस नजीर ने अल्पमत में दिए फैसले में कहा था कि तीन तलाक धार्मिक प्रैक्टिस है, इसलिए कोर्ट इसमें दखल नहीं देगा। हालांकि, दोनों जजों ने माना कि यह पाप है, इसलिए सरकार को इसमें दखल देना चाहिए और तलाक के लिए कानून बनना चाहिए।

दोनों ने कहा कि तीन तलाक पर छह महीने का स्टे लगाया जाना चाहिए, इस बीच में सरकार कानून बना ले और अगर छह महीने में कानून नहीं बनता है तो स्टे जारी रहेगा। खेहर ने यह भी कहा कि सभी पार्टियों को राजनीति को अलग रखकर इस मामले पर फैसला लेना चाहिए।

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