उमाकांत लखेड़ा
नई दिल्ली, ब्यूरो
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा (54 वर्ष) झारखंड की हजारीबाग सीट से अपने पिता यशवंत सिन्हा की लोकसभा सीट से सांसद बनकर केंद्र में राज्य मंत्री हैं। जयंत के पिता द्वारा मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली पर अर्थव्यवस्था का कबाड़ा करने और नोटबंदी और जीएसटी को अविवेकपूर्ण ढंग से लागू करने के आरोपों के बाद बीजेपी में खलबली मची है।
दूसरी ओर, बीजेपी यशवंत सिन्हा पर कोई निजी हमले करने से परहेज करते हुए जयंत सिन्हा के जरिए ही अपने पिता की बातों का काउंटर करवा रही है।
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जेटली बोले- कांग्रेस ने ही की थी शुरुआत
इस पूरे प्रकरण पर देश में एक बड़ा सियासी तूफान खड़ा होने के बाद मोदी सरकार व विपक्ष के बीच सियासी घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने के आसार बढ़ गए हैं। बीजेपी पहले बचाव की मुद्रा में थी लेकिन अब वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत मोदी सरकार के सभी प्रमुख मंत्री अर्थव्यवस्था की उजली तस्वीर पेश करने के लिए मैदान में डट गए हैं। जेटली ने कहा है, कि 'जीएसटी के लिए बीजेपी को दोष देना गलत है क्योंकि देश में एक टैक्स व्यवस्था लागू करने की शुरुआत कांग्रेस ने की थी।'
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केंद्र सरकार पर कांग्रेस के हमले तेज
सरकार के बचाव व कांउटर की रणनीति को नजरअंदाज करते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगातार हमले करने की अपनी रणनीति को और धार देने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने मांग की है, कि सरकार को देश की इकॉनमी की हालत के बारे में श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। चिंदबरम ने कल के बाद आज भी मोदी सरकार पर कई सवाल दागे।
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जयंत ने लेख के जरिए किया सरकार का बचाव
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री जयंत सिन्हा अंग्रेजी दैनिक 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के संपादकीय पृष्ठ पर लिखे एक लेख में मोदी सरकार के बचाव में आए। उनका तर्क है कि भारत एक तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है और मोदी सरकार के सुधारात्मक और ढांचागत सुधार के कदम नए भारत के निर्माण की दिशा में उठाए जा रहे हैं।
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यशवंत के समर्थन में आई थी कांग्रेस
ज्ञात रहे, कि गुरुवार को कांग्रेस ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना करने के यशवंत सिन्हा के बयान का खुलकर समर्थन किया था। यहां तक कि राहुल गांधी ने भी सिन्हा के लेख की तारीफ करते हुए देश की आर्थिक बदहाली के लिए मोदी सरकार पर तीव्र प्रहार किए थे।
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अब घेराबंदी में जुटी कांग्रेस
यशंवत सिन्हा की ओर से सरकार पर किए हमलों के बहाने कांग्रेस को मोदी सरकार की घेराबंदी का एक बड़ा हथियार दे दिया है। माना जा रहा है, कि कांग्रेस ने गुजरात, हिमाचल व कर्नाटक चुनावों में अर्थव्यवस्था की बदहाली व बेरोजगारी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाने को कमर कस ली है।
एक तबका कर रहा खुन्नस की बात
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दावा किया है कि आज हमारी पूरी अर्थव्यवस्था भ्रष्टचार मुक्त है। नीतियों के मामले में कोई भटकाव नहीं है तथा नोटबंदी व जीएसटी के बाद अर्थव्यवस्था में नई स्थिरता आई है। मुद्रास्फिति व महंगाई पूरी तरह नियंत्रित है तथा बजट में कोई छिपा हुआ घाटा नहीं दिखाया जा रहा। दो दिन से यशवंत सिन्हा के हमलों के मर्माहत बीजेपी का एक तबका दबी जुबान से मीडिया में इस तरह की बातें भी दो दिन से फैला रहा है, कि चूंकि यशंवत सिन्हा को मोदी सरकार में कोई तवज्जो नहीं मिली है। इसलिए वे इसकी खुन्नस निकालकर ही उलटी-सीधी बयानबाजियां कर रहे हैं।
चिदंबरम दे रहे लेख का जवाब
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की नीतियों के बचाव में जयंत सिन्हा के लेख के जवाब में कहा है, कि यदि जयंत सिन्हा सही हैं तो पिछले पांच तिमाहियों से क्यों जीडीपी की दर में लगातार गिरावट है। उन्हें याद दिलाया कि प्रशासनिक बदलाव किसी भी सूरत में ढांचागत बदलाव नहीं होते। चिदंबरम ने यह भी सवाल दागा है कि अगर सब कुछ सही सलामत है तो उद्योगों में बिजली की कमी की मांग क्यों नहीं हो रही। क्यों उद्योगों में निवेश नहीं बढ़ा और क्यों उद्योग वृद्धि दर नकारात्मक है।