नई दिल्ली: रेसलर सुशील कुमार का रियो ओलंपिक में जाने का सपना टूट गया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है। इससे यह साफ हो गया है कि अब नरसिंह की रियो जाएंगे। हाईकोर्ट ने कहा है कि वह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के ज्यूरिसडिक्शन में तब तक दखल नहीं देना चाहता, जब तक फेडरेशन का कोई गलत या मनमाना रवैया न दिखाई दे। सुशील कुमार एक शानदार रिकॉर्ड वाले प्लेयर है, लेकिन फेडरेशन के फैसले को गलत नहीं ठहराया जा सकता।
सुशील कुमार ने ये लगाए थे आरोप
सुशील कुमार ने याचिका दी थी कि रियो ओलंपिक के लिए चुने गए नरसिंह यादव के साथ ओलंपिक में जाने से पहले दोनों का मुकाबला कराया जाए। सुशील का आरोप था कि रेसलिंग फेडरेशन ने भेदभाव से नरसिंह यादव को सिलेक्ट किया है। बता दें कि नरसिंह ने पिछले साल लॉस वेगास में वर्ल्ड चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत के लिए कोटा हासिल किया था।
और क्या कहना था सुशील का ?
- मैं भारतीय ओलिंपिक के इतिहास में एकलौता डबल ओलिंपक मेडल विनर हूं, इसलिए रियो जाने का हक उन्हें भी है।
-पिछले चार साल में मेरा फिटनेस लेवल अभी भी शानदार है।
-कुश्ती संघ को दोनों पहलवानों की भावनाओं से ऊपर उठकर इसका फैसला करना चाहिए।
-फेडरेशन को इस आधार पर फैसला करना चाहिए कि रियो में किस रेसलर के जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
-इसके लिए दोनों पहलवानों की भिड़ंत एक सही ऑप्शन नजर आता है।
क्या है कहना है नरसिंह का?
-नरसिंह का कहना था कि उन्होंने 2007 से लेकर अब तक 74 किलोग्राम वर्ग में कई मेडल जीते हैं।
-लॉस वेगास में जीत के साथ ही मुझे रियो का टिकट मिला। मेरी दावेदारी पहले ही पक्की हो चुकी है।
नरसिंह ने जीते कौन से खिताब ?
नरसिंह ने 2010 के कॉमनवेल्थ खेलों में 74 किलोग्राम वर्ग में गोल्ड मेडल, 2014 इंचिऑन एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल, एशियन चैंपियनशिप 2015 में ब्रॉन्ज और 2015 लॉस वेगास वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीते और रियो का टिकट भी हासिल किया।