दीक्षांत समारोह में बोले प्रकाश जावड़ेकर- दिव्यांगों को जल्द मिल सकता है सेंट्रल यूनिवर्सिटी का तोहफा

Update: 2017-04-24 03:34 GMT

लखनऊ: मोहान रोड स्थित शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 24 अप्रैल को दीक्षांत समारोह की शुरुआत हुआ। इस दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने की। बता दें कि यह तीसरा दीक्षांत समारोह है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शिरकत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी मंत्री थावर चंद गहलोत से दिव्यांगों के लिए एक सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी बनाने पर चर्चा हुई है।

कार्यक्रम में अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के विकलांग जन विकास विभाग मंत्री ओम प्रकाश राजभर मौजूद रहे। वहीं, newstrack.com/अपना भारत के संपादक श्री योगेश मिश्र जी डॉ. शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर निशीथ राय के विशेष आग्रह पर कार्यक्रम में शिरकत की।

दीक्षांत समारोह कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू हुआ। जिसकी शुरुआत अतिथियों ने औपचारिक उद्घाटन दीप जलाकर किया। राज्यपाल राम नाईक, मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और ओम प्रकाश राजभर ने 'संबल' नामक पत्रिका का विमोचन किया।

कुलपति निशीथ राय ने किया राज्यपाल राम नाईक, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मंत्री दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ओम प्रकाश राजभर को बुके देकर स्वागत किया गया। बाद में विश्वविद्यालय का कुलगीत गाया गया।

बता दें कि इस दीक्षांत समारोह में 436 स्टूडेंट्स को डिग्री दी जाएगी और 37 स्टूडेंट्स को 53 मेडल दिए जाएंगे।

यह बोले वीसी निशीथ राय

वीसी निशीथ राय ने कहा कि मैं आप सबका स्वागत करता हूं। आज का दिन हम सबके लिए गौरव का दिन है। माननीय राज्यपाल महोदय के आदेश पर दीक्षांत समारोह के आयोजन होते आ रहे हैं। इस विश्वविद्यालय के पीछे सरकार की जो सोंच थी , वो सार्थक हो रही है। 2 अकादमिक सेशन के बाद 8 संकाय और हजारों विद्यार्थी हो गए। कैंपस में ब्रेल प्रेस स्थापित करने की इच्छा है। इसके लिए जगह आरक्षित कर ली गई है।

यदि मानव संसाधन विकास मंत्री और राज्य सरकार के मंत्री से वित्तीय सहायता मिल जा,ए तो बहुत अच्छा होगा। इसके अलावा साईन लैंग्वेज लर्निंग सेंटर और इसके टीचर तैयार किए जा रहे हैं। परिसर में आर्टिफीसियल लिंब का सेंटर खोला गया है। जो व्यक्ति सुबह आता है, वो शाम को कृत्रिम अंग लेकर जाता है। हमारी ये भी कोशिश रहती है कि गुणवत्तापरक शिक्षा दें। कैंपस में एक बैरियर फ्री स्टेडियम, 5 मंज़िल का सेंट्रलाइज्ड लाइब्रेरी, डेफ स्टूडेंट के लिए वोकेशनल कोर्सेस भी शुरू करने जा रहे हैं।

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माननीय राज्यपाल महोदय का विशेष स्नेह सदा मिलता रहा है। जबसे माननीय राम नाईक ने 2014 में जब कार्यभार ग्रहण किया, तो जनता और राजभवन में संवाद नहीं था। राज्यपाल महोदय ने आकर जनता के लिए राजभवन के द्वार खोल दिए। मुझे पूरी उम्मीद है कि राज्यपाल महोदय के संरक्षण से हम और आगे जा सकेंगे। हम लोग हर माह की 10 तारीख को अपना रिपोर्ट कार्ड राजभवन भेजते रहते हैं। मैं माननीय मानव संसाधन विकास मंत्री से इसको सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी लागू करने की गुजारिश करूंगा। इसके अलावा पर्यावरण पर भी बहुत काम हुए हैं। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रकाश जावड़ेकर का बहुत आभार व्यक्त कर रहता हूं।

अब दिव्यांगता की श्रेणी 21 कर दी गई है। मैं गुजारिश करना चाहूंगा कि इन 21 श्रेणियों के लिए एक सर्वे की आवश्यकता है ताकि इनके लिए एक नीति बन सके। मंत्री ओम प्रकाश राजभर को भी आभार मंच पर लखनऊ यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर एस पी सिंह भी बैठे हैं, इनको भी मेरे आभार। इस कार्यक्रम में बधाई के पात्र 436 डिग्री पाने वाले छात्र शामिल हैं और 37 मेडल पाने वाले स्टूडेंट्स हैं। हमारे विशेष शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर मंत्री जी से बात हुई है, मानव संसाधन विकास मंत्री के यहां आने से विश्वविद्यालय बहुत आगे जाएगा। इस विश्वविद्यालय को विशेष सहायता देने का मैं अनुरोध करता हूं।

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यह बोले केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

-मुझे आज यहां आकर कितनी ख़ुशी हुई, ये बता नहीं सकता।

-जब कभी हम कॉन्वोकेशन के लिए जाते, तो ब्रिटिश वाला गाउन पहनते हैं, लेकिन यहां ये देसी परिधान पहनाए गए, अच्छा लगा।

-दूसरा अटल ऑडिटोरियम का उद्घाटन और सांकेतिक भाषा में जन गन मन देखा, बहुत अच्छा लगा।

-हमने नारा दिया सबको 'शिक्षा अच्छी शिक्षा'। यहां सामान्य और दिव्यांग छात्र एक साथ पढ़ते ये अच्छी बात है।

-मैं जब बचपन में स्कूल जाता था, तो एक घर था। वहां तीन पोलियो ग्रस्त बच्चे थे। मैं उनकी नज़र को देखता था कि ये क्या सोचते होंगे।

-जहां पहले इनको शिक्षा नहीं मिलती थी, वहां अब दिव्यांगों को पूरी शिक्षा मिलती है।

-यहां दिव्यांग के साथ सामान्य छात्र भी संवेदनशीलता का पाठ सीखते हैं। सभी दिव्यांगों को दिव्यांग कहकर मोदी जी ने पहचान दी।

-एक स्मारिका संबल का हमने विमोचन किया। शिक्षा संबल देती है। यही व्यक्ति का, समाज का और देश का उन्ननयन करती है।

-जब किसी को दिव्यांग बच्चा होता है, तो पेरेंट्स को बहुत खराब लगता है। लेकिन यहां डिग्री लेते देखकर उन्हें बहुत ख़ुशी होगी।

-मोदी जी ने आदेश दिया की सुगम्य भारत का निर्माण होगा। बैरियर फ्री भारत का विकलांगों के लिए निर्माण होगा।

-आज मंत्री थावर चंद गहलोत से एक दिव्यांगजन केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण पर चर्चा हुई।

-जो दिव्यांगजन समर्थ हो गए उनको नौकरी मिले, इसपर भी काम हो रहा।

--दिव्यांगजनों को पढ़ाने के लिए टीचर तैयार करने की दिशा में भी काम कर रहे।

टेक्नोलॉजी से दिव्यांगों को जोड़ा जाएगा। यहां वीसी ने ब्रेल प्रेस की मांग की, आप प्रपोजल भेजिए, हम निश्चित मदद करेंगे।

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यह बोले राज्यपाल नाईक

-कुलाधिपति रामनाईक ने कहा कि मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, ओम प्रकाश राजभर, प्रोफेसर एसपी सिंह के साथ साथ सभी को धन्यवाद।

-पहला दीक्षांत समारोह मंडप में हुआ था। आज ये अटल ऑडिटोरियम में ही रहा, बहुत हर्ष का विषय है।

-दिव्यांगजन के लिए क्या वो कर रहे या क्या होना चाहिए, ये प्रकाश जी ने बताया गया।

-पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का नाम इस ऑडिटोरियम को दिया गया, लखनऊ वालों का अटल जी से गहरा लगाव है, लेकिन मेरा सबसे ज्यादा लगाव है।

-ये देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने 24 पार्टियों को साथ लेकर काम किया।

-दीक्षांत समारोह का एक विशेष महत्व होता है। इसलिए छात्रों के जीवन में बहुत महत्त्व होता है।

-वो अपने जीवन के बहुत सुंदर महत्वपूर्ण पड़ाव पर आ पहुंचे हैं। 436 में छात्र 203 हैं और छात्राएं 233 हैं।

-लड़कियां ज्यादा हैं। लड़के 47% और लड़किया 53% ।37 स्टूडेंट्स को पदक मिले हैं।

-इनमें 9 लड़कों को और 28 छात्राओं को पदक मिले हैं।

-76% लड़कियों को और 24 % लड़कों को पदक मिले हैं।

-महिला दिव्यांगों का अच्छा सशक्तिकरण हो रहा है। ये देश के लिए शुभ संकेत मानता हूं।

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