‘साइकिल’ पर दावेदारी: चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की सुनी दलील, फैसला रखा सुरक्षित

मुलायम ने अपना पक्ष रखा, उनका तर्क है कि चिन्ह पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार होता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है

Update:2017-01-14 09:41 IST

नई दिल्लीः समाजवादी पार्टी में चुनाव चिन्ह की लड़ाई अब चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है। इस विवाद पर सुनवाई शुक्रवार (13 जनवरी) 12 बजे शुरू हुई। सुनवाई के पहले हिस्से में अखिलेश यादव के खेमे ने अपनी बात रखी। जिसमें उन्होंने दो तिहाई बहुमत का हवाला देते हुए ‘साइकिल’ पर दावा पेश किया।

वहीं दूसरे हिस्से में मुलायम सिंह ने अपना पक्ष रखा, उनका तर्क है कि चिन्ह पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का अधिकार होता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद चुनाव आयोग ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग शनिवार को साइकिल पर अपना फैसला सुना सकता है।

चुनाव आयोग में अखिलेश यादव का पक्ष रखने वाले सीनियर वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने साइकिल के निशान पर अखिलेश गुट को दिए जाने की मांग की है। उन्होंने सिंबल आदेश के सेक्शन 15 का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी में प्रतिनिधि, विधायकों, विधान पार्षदों और सांसदों का दो तिहाई से ज़्यादा बहुमत हमारे साथ है इसलिए चिन्ह हमें दिया जाए।

नहीं टूटने दूंगा पार्टी: मुलायम

बता दें कि समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने बीते बुधवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि आप भी जानते हैं कि पार्टी को तोड़ने में कौन लगा हुआ है। कौन यह सारी साजिश रच रहा है। कौन बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलता है। बहुत मेहनत से पार्टी खड़ी की है। इसे बनाने के लिए कितने लोगों ने लाठियां खाईं हैं। इस पार्टी को बनाने के पीछे कितनी लंबी संघर्ष की कहानी है। हम नहीं चाहते हैं कि पार्टी टूटे। जो मेरे पास था, वो सारा दे दिया। अब मेरे पास क्या है। हम पार्टी को टूटने नहीं देंगे। मुझे कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मुलायम शिवपाल के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

अब मेरे पास क्या बचा है ?

मुलायम ने यह भी कहा था कि अखिलेश को सीएम बना दिया। जो कुछ था सब इन्हें दे दिया। अब मेरे पास क्या बचा है। मैंने गरीबी में परिवार छोड़ा। पार्टी के लिए जेल गए, लाठियां खाईं, तब जाकर कहीं खड़ी हो पाई है पार्टी। आप लोगों ने तकलीफें झेली हैं। परिवार भी छोड़ा। अपने बारे में क्या कहूं कि कितनी बार जेल जाना पड़ा। क्या मैंने मामूली तकलीफ झेली है। जब मैं जेल में था, तब शिवपाल पार्टी को देखता था।

रामगोपाल ने लिख कर दिया है कि हम मोटर साइकिल चुनाव चिन्ह मांग रहे हैं। वो बीजेपी से जाकर मिल गए हैं। रामगोपाल ने चुनाव आयोग से अखिल भारतीय समाजवादी पार्टी नाम और मोटरसाइकिल सिंबल मांगा है। हम पार्टी को भी एक रखना चाहते हैं और परिवार को भी, लेकिन एक आदमी ऐसा होने नहीं दे रहा है।

मैं ही हूं पार्टी का सुप्रीमो: मुलायम सिंह यादव

इससे पहले बीते रविवार को मुलायम सिंह यादव ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि जनेश्वर मिश्र पार्क में 1 जनवरी को बुलाया गया पार्टी का आपातकालीन विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन असंवैधानिक था। रामगोपाल को वो पहले ही 6 साल के लिए पार्टी से निकाल चुके हैं। मुलायम सिंह ने कहा कि मैं अभी भी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।

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