चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को चुनौती दी, कहा- 3 जून से आकर हैक करें EVM

राजनीतिक दलों की ओर से लगातार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने शनिवार (20 मई) को ईवीएम हैकिंग से जुड़ी चुनौती की तारीख का ऐलान किया।

Update:2017-05-20 17:11 IST

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के इस्तेमाल पर राजनीतिक दलों की ओर से लगातार सवाल उठाए जाने के बाद शनिवार (20 मई) को ईवीएम हैकिंग से जुड़ी चुनौती की तारीख का ऐलान किया।

मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि राजनीतिक पार्टियां 3 जून से ईवीएम हैकिंग की चुनौती में शामिल हो सकेंगी। पांच राज्यों में चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर शंकाएं उठी है, लेकिन अब तक किसी भी पार्टी ने ईवीएम से छेड़छाड़ का कोई ठोस सबूत नहीं दिया है।

चुनाव आयोग ने बताया कि वीवीपीएटी से मतदाता को दिखेगा की वोट किसे गया। ईवीएम के साथ वीवीपीएटी के इस्तेमाल से सभी शंकाएं और फैलाए गए भ्रम दूर हो जाएंगे। अगले साल के अंत तक आयोग को सभी वीवीपीएटी तैयार मिलेगी।

टैंपरिंग साबित करने के लिए चार घंटे का वक्त मिलेगा

जैदी ने बताया कि हर पार्टी को हैकिंग या ईवीएम टैंपरिंग साबित करने के लिए चार घंटे का वक्त दिया जाएगा। कोई भी पार्टी अपने तीन प्रतिनिधि को इस चैलेंज में शामिल होने लिए भेज सकती है। चैलेंज में कोई भी राजनीतिक पार्टी भाग ले सकती है। सभी पार्टियों को इस बात की आजादी होगी कि वो हाल ही में हुए पांच राज्यों में चुनावों के किसी भी चार पोलिंग स्टेशनों से ईवीएम मशीन मंगवा सकती हैं।

पार्टियों के पास मौका होगा कि वह साबित करें कि चुनावी नतीजों को किसी खास प्रतिनिधि या पार्टी के पक्ष में मोड़ा जा सकता है। इसके अलावा, पार्टियों को ये भी चुनौती दी गई है, कि वे साबित करें कि चुनाव आयोग की सुरक्षा में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करना मुमकिन है।

चैलेंज से पहले मशीनों को खोलकर देख भी सकते हैं

राजनीतिक दलों को 26 मई तक ईमेल या ऑनलाइन ऐप्लिकेशन के जरिए चैलेंज में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करने का मौका दिया जाएगा। सभी को तारीख निश्चित तारीख और वक्त अलॉट किया जाएगा। पार्टियां जिस ईवीएम की मांग करेंगी, उसे पोलिंग स्टेशन से लाते वक्त साथ सफर करने की भी मंजूरी दी जाएगी। इतना ही नहीं चैलेंज से पहले मशीनों को खोलकर देखा जा सकेगा।

हालांकि, चैलेंज के बाद ऐसा करने की मनाही होगी। ईवीएम में छेड़छाड़ करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि ईवीएम पर लगे कई बटनों को एक साथ दबाकर, किसी वायरलेस या ब्लूटूथ डिवाइस या एक्सटर्नल डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ईवीएम हैक करना मुमकिन नहीं

चुनाव आयुक्त ने ईवीएम से जुड़े उन सिक्यॉरिटी फीचर्स के बारे में विस्तार से बताया, जिनकी वजह से इसे हैक करना मुमकिन नहीं। ईवीएम में वन टाइम प्रोग्रामबल चिप लगाई गई है, जिसमें सिर्फ एक बार प्रोग्राम लिखा जा सकता है, उसे बदला नहीं जा सकता। इसके अलावा, हर मशीन की चिप पर डिजिटल सिग्नेचर होता है, जिसे बदलने की कोशिश पर तुरंत पकड़ा जा सकता है।

इसके बावजूद भी अगर इस चिप को बदला गया तो मशीन काम करना बंद कर देगी। जैदी के मुताबिक, इन मशीनों की चिप में डेट एंड टाइम की स्टैंपिंग है। इसके अलावा, डेटा इन्क्रिप्शन फीचर्स भी हैं, जिसकी वजह से इनमें किसी तरह का टैंपरिंग कर पाना नामुमकिन है।

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