लखनऊ: मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का मंगलवार (02 जनवरी) को निधन हो गया। देश के इस प्रसिद्ध शायर का इलाज लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में चल रहा था। बीते दिनों ब्रेन हैमरेज के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अंतिम सांसें ली। अनवर जलालपुरी के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई। पूर्व शिक्षा मंत्री अहमद हसन इस मशहूर शायर के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे थे।
उर्दू के प्रसिद्ध शायर अनवर जलालपुरी को 28 दिसंबर (गुरुवार) की देर रात ब्रेन स्ट्रोक का दौरा पड़ने के बाद गंभीर हालत में केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के न्यूरो सर्जरी विभाग में एडमिट कराया गया था। अपने बाथरूम में गिरने के चलते वह घायल हो गए थे। जब से वह भर्ती थे, उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।
हुसैनगंज के रहने वाले थे जलालपुरी
उर्दू शायर अनवर जलालपुरी (71 वर्ष) लखनऊ के हुसैनगंज के रहने वाले थे। बाथरूम में गिरने के कारण उनके सिर के अंदरूनी हिस्से में चोटें आईं थी। चोट की वजह से उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और वह बेहोश हो गए थे। न्यूरो सर्जरी के डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। इनकी मंगलवार सुबह मौत हो गई।
मिला था यश भारती सम्मान
मशहूर शायर अनवर जलालपुरी ने श्रीमदभागवत गीता का उर्दू में अनुवाद किया था। यूपी सरकार ने उन्हें यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। ख्यातिप्राप्त शायर के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है।
ये कहा केजीएमयू के डॉक्टर ने
केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया, कि 'अनवर जलालपुरी को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था और उनको गंभीर हालत में यहां लाया गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।'
अनवर जलालपुरी का शव जब उनके घर पहुंचा तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।