किसानों, उपभोक्ताओं के हितों में संतुलन मुश्किल : एसोचैम

Update:2018-02-12 18:09 IST

नई दिल्ली : किसानों को उनकी लागत का 1.5 गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के साथ ही मुद्रास्फीति की स्थिति में सुधार करना सरकार के लिए एक कठिन काम होगा। एसोचैम के अध्यक्ष संदीप जाजोदिया ने यहां सोमवार को यह बात कही। एसोचैम ने उनके हवाले से एक बयान में कहा, ".. सरकार के लिए किसानों और उपभोक्ताओं के परस्पर विरोधी हितों को प्रबंधित करना 'तनी हुई रस्सी पर चलने' जितना कठिन है, क्योंकि पिछले छह महीनों से मुद्रास्फीति में वृद्धि हो रही है और जिसके आगे चलकर छह फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है।"

बयान में कहा गया है, "किसानों को दालों, गेहूं और धान का पर्याप्त लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के साथ ही सब्जियों और फलों की कीमतों पर लगाम भी लगानी होगी, जिसके कारण सीपीआई (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) में बढ़ोतरी होती है। आगे चलकर मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित की गई चार फीसदी की सीमा को पार कर सकती है।"

एसोचैम की प्रबंधन समिति की बैठक में जाजोदिया ने कहा कि क्या उपभोक्ता और खासतौर से जो शहरी क्षेत्रों में रहनवाले उपभोक्ता सरकार के साथ आएंगे और इस तर्क को स्वीकार करेंगे कि क्या किसानों को संरक्षित किया जाना चाहिए।

Tags:    

Similar News