यूपी में पांचवे चरण का चुनाव प्रचार थमा, सपा के सामने गढ़ बचाने की चुनौती
विधानसभा के पिछले चुनाव में इन 51 सीटों में सपा के पास 37 सीटें थीं। यदि सहयोगी कांग्रेस की पांच सीटों को जोड दें तो ये संख्या 42 हो जाती है। पिछले चुनाव में बीजेपी को पांच, बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें मिली थीं।;
लखनऊ: यूपी में विधानसभा के पांचवें चरण में 11 जिलों की 51 सीटों पर आज शाम चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा। इसके बाद, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, अमेठी, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती और संतकबीरनगर जिलों की 51 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होना है। इन जिलों के 1 करोड 84 लाख मतदाता 617 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।
इन सीटों पर सपा कांग्रेस गठबंधन को अपना गढ़ बचाने की चुनौती होगी तो बीजेपी, बसपा के पास अपनी सीटों की संख्या बढाने का प्रयास होगा।
कई दिग्गज
इस पांचवें चरण में सपा सरकार के मंत्रियों अवधेश प्रसाद, राममूर्ति वर्मा, गायत्री प्रसाद प्रजापति, विनोद कुमार सिंह जिन्हें पंडित सिंह के नाम से भी जाना जाता है, के अलावा तेज नारायण पांडेय का भी भाग्य तय होगा।
विधानसभा के पिछले चुनाव में इन 51 सीटों में सपा के पास 37 सीटें थीं। यदि सहयोगी कांग्रेस की पांच सीटों को जोड दें तो ये संख्या 42 हो जाती है। पिछले चुनाव में बीजेपी को पांच, बसपा को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें मिली थीं।
बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती ऐसे जिले हैं जिसमें मुस्लिम आबादी लगभग 40 प्रतिशत है। इसीलिए बसपा ने इन जिलों में कुल 18 मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। सपा के 10 मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में हैं। हालांकि चुनाव 52 सीटों पर होना था लेकिन अंबेडकरनगर की आलापुर सीट पर एक प्रत्याशी के निधन के कारण अब इस पर चुनाव 8 मार्च को होगा। सपा ने बीजेपी की परम्परागत सीट अयोध्या से भी उसे पिछले चुनाव में बाहर कर दिया था।
अमेठी पर नजर
अमेठी सीट पर मुकाबला दिलचस्प है जहां राजघराने की दो बहुएं आमने सामने हैं। अमेठी राजघराने के संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा बीजेपी की प्रत्याशी हैं तो दूसरी पत्नी अमीता कांग्रेस की उम्मीदवार हैं। दोनों की लड़ाई को सपा सरकार में मंत्री और अब सामूहिक दुराचार के आरोप में फंसे गायत्री प्रसाद प्रजापति तिकोना बना रहे हैं।