पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक जीवन को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले चारा घोटाले मामले के एक अन्य केस में भी लालू को दोषी करार दे दिया गया है। चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में रांची की स्पेशल कोर्ट ने लालू को दोषी माना है। इसके बाद एक और सवाल उठने लगा है कि अब आगे क्या होना है। इस का जवाब हम आपको देते हैं।
इसके लिए हम आपको सिलसिलेवार जानकारी देते हैं। लालू को इससे पहले 2013, अक्टूबर में चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ की अवैध निकासी मामले में कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद लालू कोई भी चुनाव लड़ने के अयोग्य करार हो गए।
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6 जनवरी, 2018 को देवघर कोषागार से 84 लाख से ज्यादा की फर्जी निकासी मामले में भी राजद सुप्रीमो दोषी करार दिए गए। जिसमें उन्हें साढ़े तीन साल की सजा हुई। इन तीन मामलों के साथ ही लालू के खिलाफ चारा घोटाला से संबंधित दो अन्य मामलों की सुनवाई भी कोर्ट में चल रही है। इनमें डोरंडा कोषागार और दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले हैं।
कब क्या
चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने का आरोप। लालू समेत 44 अभियुक्त। 5 साल की सजा।
देवघर सरकारी कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू सहित 38 पर मामला दर्ज। लालू को साढ़े तीन साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना।
चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप। लालू सहित 56 आरोपी। लालू दोषी करार, 5 साल की सजा तथा 10 लाख रुपए का जुर्माना।
इन तीन मामलों के बाद अब लालू के खिलाफ चारा घोटाला से संबंधित दो और मामले बचे हैं। जिनकी सुनवाई चल रही है। इनमें डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी और दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से संबंधित मामले शामिल हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील अनुराग दीक्षित कहते हैं कि डोरंडा व दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में भी लालू को 5-5 वर्ष या इससे अधिक की सजा हो सकती है।