नोएडा: बिसाहड़ा गांव में शनिवार को फॉरेंसिक टीम ने अखलाक के भाई के घर जाकर गोवंश काटने के आरोपों वाली जगह से नमूने लिए। इस दौरान गो हत्या मामले के वादी सूरजपाल सिंह और चश्मदीद गवाह प्रेम सिंह मौके पर मौजूद रहे। उनके बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है।
जांच की हुई विडियोग्राफी
बिसाहड़ा गांव में शनिवार शाम फॉरेंसिक विभाग के चार सदस्यों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। ट्रांसफार्मर के नजदीक से पाए गए गोमांस के अंश से लेकर अखलाक के घर तक की दूरी नापी गई। इसके बाद गोवंश काटे गए स्थान पर जाकर, काटने वाले चबूतरे के पास अलग-अलग जगहों से पॉलीथीन में चार नमूने लिए गए। इस पूरी जांच की विडियोग्राफी कराई गई।
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बयानों की भी हुई रिकॉर्डिंग
वादी और चश्मदीद के बयानों की भी विडियो रिकॉर्डिंग कराई गई। अखलाक के घर जाकर फॉरेंसिक टीम ने विडियो रिकॉर्डिंग की। मौके से लेकर मेन गली में नमूनों को सील किया गया। जांच दल नमूनों के साथ गाजियाबाद लौट गई। उसके बाद विवेचना अधिकारी प्रदीप सिंह ने लिए गए नमूना स्थल वाली जगह पर ताला लगाकर सील कर दिया।
फॉरेंसिक टीम ने जांच के वक्त अखलाक के घर के नजदीक घटनास्थल पर पहुंचने के बाद गली से लोगों की आवाजाही को रोक दिया। पुलिस बल की तैनाती के बीच जांच के दोबारा नमूने लेकर सील कर दिए गए। फावड़े से घटनास्थल की जमीन से घास हटाकर मिट्टी सहित अन्य चीजों के सैंपल किए गए।
फॉरेंसिक टीम ने चार जगहों से लिए नमूने :
1-आंगन से मिट्टी के नमूने
2-फर्श की दो ईंट के नमूने लिए
3-फर्श के बीच दरारों की मिट्टी ली
4-चबूतरे के नजदीक की मिट्टी ली
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टीम के आने की सूचना रखी गुप्त
फॉरेंसिक टीम के गांव में आने की सूचना को गुप्त रखा गया था। आस-पास के लोगों से सूचना गांव में फैलने से लोग गली में पहुंच गए। मकानों की छतों पर चढ़कर लोग जांच दल की कार्रवाई को देखते रहे।
गांव में रही पुलिस की तैनाती
ग्रामीणों ने बताया कि फॉरेंसिक टीम आने से पहले ही पुलिस गांव पहुंच गई थी। पुलिस ने गांव में घूमकर माहौल का निरीक्षण किया। उन्हें आशंका थी कि ग्रामीण कहीं टीम का विरोध न करें। हालात सामान्य पाए जाने पर टीम गांव पहुंची और जांच कार्यों में जुटी।
जांच के दौरान ये रहे मौजूद
जांच दल की टीम में अधिकारी, फॉरेंसिक टीम के अधिकारी, एक विडियोग्राफर, जारचा कोतवाली से विवेचना अधिकारी प्रदीप सिंह, अल्ट्राटैक पुलिस चौकी प्रभारी अरविंद सिंह, एनटीपीसी चौकी प्रभारी अविनाश त्यागी, प्रधानपति हरिओम सिसौदिया, वादी सूरजपाल सिह,चश्मदीद गवाह प्रेम सिह मौजूद रहे।
क्या बचा होगा सबूत ?
हर इंसान के जेहन में आखिरकार ये सवाल उठना लाजिमी है कि घटना के 10 महीने बाद क्या अब वहां कुछ बचा भी होगा ? जिस मकान में गोवंश काटने की बात बताई गई, घटना के बाद से मकान का दरवाजा खुला रहा। जहां गोवंश काटा गया वह जगह खुली हुई है। घटना घटे लगभग 10 महीने बीत चुके हैं इस दौरान कई बार बारिश भी हुई। आंगन कच्चा होने के कारण घटना वाली जगह पर इस वक्त घास उगी हुई है। तो सवाल घूमकर वहीं जाता है कि क्या कोई सबूत मिला होगा या ये सिर्फ एक सियासी बिसात की जमीन तैयार कर रहा है।