पणजी : गोवा फॉरवर्ड के विधायकों और निर्दलीय विधायकों ने नेतृत्व संकट के किसी स्थायी समाधान की मांग को लेकर रविवार को भाजपा पर दबाव बढ़ा दिया। इस बीच भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के अस्पताल में भर्ती होने के मद्देनजर भावी राजनीतिक कदम पर निर्णय लेने के क्रम में हाईकमान के प्रतिनिधियों से यहां मुलाकात की।
भाजपा की केंद्रीय टीम से मुलाकात से पहले संवाददाताओं से बातचीत में शहर एवं देश नियोजन मंत्री और गोवा फॉरवर्ड के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने कहा कि उनके पास पांच अन्य विधायकों का समर्थन है और वे सभी मौजूदा संकट के किसी स्थायी समाधान की एकसुर में मांग करने जा रहे हैं।
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केंद्रीय टीम में भाजपा महासचिव रामलाल, बी.एल. संतोष और विजय पौराणिक शामिल हैं।
सरदेसाई ने कहा, "हम सभी छह लोग कोई स्थायी समाधान चाहते हैं। हम कोई अस्थायी बंदोबस्त नहीं चाहते। हम उनसे यही कहने जा रहे हैं।"
इन छह विधायकों में गोवा फॉरवर्ड के तीन मंत्री (सरदेसाई सहित) मत्स्यपालन मंत्री विनोद पालीनकर और आवास मंत्री जयेश सलगांवकर, दो निर्दलीय मंत्री रोहन खुंटे और गोविंद गौडे तथा एक अन्य निर्दलीय विधायक प्रसाद गावकर शामिल हैं।
40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में तीन विधायकों वाली महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के प्रतिनिधि देर शाम को भाजपा के केंद्रीय नेताओं से मिल सकते हैं।
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एमजीपी नेता और लोक निर्माण विभाग मंत्री सुदिन धवलीकर को एक उपमुख्यमंत्री बनाकर कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने के प्रस्ताव का गोवा फॉरवर्ड ने विरोध किया है।
तीनों केंद्रीय नेता नेतृत्व संकट का कोई समाधान निकालने राज्य में हैं। यह संकट पर्रिकर के शनिवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराए जाने के बाद पैदा हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 40 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 14 विधायक हैं। इनमें से तीन गंभीर रूप से बीमार हैं। और इसलिए सरकार बचाने के लिए गठबंधन सहयोगियों का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण है।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों से रविवार अपराह्न् मुलाकात करने वाले भाजपा विधायकों ने फिलहाल पर्रिकर के नेतृत्व में भरोसा जताया है और कहा है कि जरूरत पड़ने पर कोई नया नेता भाजपा से ही आना चाहिए।
भाजपा विधायक निलेश कबराल ने संवाददाताओं से कहा, "भाजपा के अंदर ही किसी की तलाश करनी चाहिए और पर्रिकर को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए।"