बदली जा रही है पुलिस महकमे की नीति, IPS की घटती संख्या को छुपाने का मसौदा तैयार

पुलिस महकमे में इस बदलाव के बाद कई जोनों में एडीजी और कई रेंज में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारियों की तैनाती का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। प्रस्ताव के मुताबिक बड़े, महत्वपूर्ण और संवेदनशील जोनों में एडीजी और ऐसे ही रेंजों में आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी को तैनाती दी जायेगी।;

Update:2017-05-07 15:53 IST

योगेश मिश्र

लखनऊ: इसे सरकार की चतुर सुजान चाल कहें कि कानून व्यवस्था के नाम पर वह सूबे में कम हो रहे आईपीएस अफसरों की संख्या को छुपाने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) स्तर के अधिकारियों को जोन में तैनाती के मसौदे को अंतिम रूप देने पर जुटी हुई है।

पुलिस महकमे में इस बदलाव के बाद कई जोनों में एडीजी और कई रेंज में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारियों की तैनाती का मार्ग प्रशस्त हो जायेगा। सरकार में चल रहे प्रस्ताव के मुताबिक बड़े, महत्वपूर्ण और संवेदनशील जोनों में एडीजी और ऐसे ही रेंजों में आईजी स्तर के पुलिस अधिकारी को तैनाती दी जायेगी।

कम हैं अधिकारी

सरकार यह काम कानून-व्यवस्था को चुस्त दुरूस्त करने के नाम पर करेगी, पर इसकी हकीकत एकदम अलहदा है। अभी उत्तर प्रदेश में डीआईजी स्तर के कुल 32 अधिकारी हैं, जबकि इस पद का कॉडर स्ट्रेंथ 48 है। पर इसकी जगह सिर्फ 27 डीआईजी उत्तर प्रदेश में हैं। इस स्तर के सात अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं। इस तरह कुल 14 डीआईजी कम हैं।

अगली अगस्त 2017 तक 12 डीआईजी स्तर के अधिकारी 60 साल की उम्र पूरी करने के नाते सेवानिवृत्त हो जायेंगे। बीते अप्रैल महीने में डीआईजी रामपाल सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 18 रेंज हैं। पर डीआईजी के स्तर के अधिकारियों की संख्या सिर्फ 17 रह जायेगी। इस तरह 31 अफसर डीआईजी स्तर के उत्तर प्रदेश में कम पड़ेंगे। अगली जनवरी, 2018 से पहले राज्य सरकार पुलिस महकमे में डीआईजी स्तर पर कोई प्रोन्नति भी नहीं कर सकती है, क्योंकि जिस बैच को प्रोन्नति पाना है उसकी सेवा के 14 साल जनवरी में ही पूरे होंगे।

जिम्मेदार कौन

राज्य में पुलिस महानिदेशक स्तर के पांच पद हैं, लेकिन इस स्तर पर कुल अधिकारियों की संख्या 22 है। इनमें 13 उत्तर प्रदेश में हैं, बाकी 9 अफसर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति एडीजी स्तर के अधिकारियों की है। राज्य में एडीजी के 22 पद हैं। पर इस स्तर के पुलिस में कुल 33 अधिकारी हैं। इनसे इतर 18 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं। आईजी स्तर के अधिकारियों की अनुमन्य संख्या 22 है,जबकि कुल अधिकारियों की संख्या 60 है। इनमें 29 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर हैं।

पुलिस महकमे में अफसरों की तादाद, उनकी तैनाती यह बताती है कि, डीआईजी को छोड़कर बाकी सभी स्तर के अधिकारियों की संख्या राज्य में अनुमन्य पदों से अधिक है। इसी विसंगति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने तैनाती की नीति-रीति बदलने का फैसला लिया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इस विसंगति के लिए जिम्मेदार कौन है।

गौरतलब है कि मायावती ने अपने पिछले कार्यकाल में काबाल टाउंस में एसएसपी की जगह डीआईजी स्तर के अधिकारियों को तैनाती देकर कानून व्यवस्था के नाम पर नया प्रयोग किया था जिसके तहत लखनऊ, बनारस, बरेली, आगरा, कानपुर, मुरादाबाद आदि जिले प्रभावित किये थे, लेकिन उनका यह प्रयोग कोई लाभ नहीं पहुंचा पाया।

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