नई दिल्ली: छोटे कारोबारियों की शिकायतों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार शुक्रवार (06 अक्टूबर) को जीएसटी काउंसिल की बैठक में बड़ा ऐलान कर सकती है। राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की बैठक में निर्यातकों को कई प्रकार के राहत दिए जा सकते हैं।
इन्हीं राहतों के तहत वर्चुअल करंसी के जरिए टैक्स भुगतान का ऐलान किया जा सकता है। इसके अलावा छोटे एवं मझोले उद्योगों को राहत देते हुए जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया में सुधार के लिए कुछ फैसले लिए जा सकते हैं।
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पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुधवार को सरकार के आर्थिक फैसलों के बचाव और गुरुवार को जेटली-अमित शाह की मुलाकात के बाद जीएसटी को लेकर कई बड़े फैसलों की उम्मीदें की जा रही है। जानकर मान रहे हैं कि केरल में अपनी पदयात्रा को बीच में छोड़कर दिल्ली आए अमित शाह ने बैठक के दौरान पीएम मोदी को जमीनी हकीकत के बारे में बताया। जेटली ने इंडिया इकॉनमिक समिट में अपने प्रस्तावित भाषण को छोड़ दिया है।
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टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, पीएमओ के सूत्रों का कहना था कि यह रूटीन बैठक ही थी। बैठक की पूरी जानकारी अभी उजागर नहीं हो पाई है। बावजूद इसके सूत्रों की मानें तो इस बैठक में जीएसटी से संबंधित लोगों की शिकायतों पर विस्तार से चर्चा की गई।
जीएसटी काउंसिल की बैठक में केंद्र सरकार की ओर से सीमांत एवं लघु उद्योगों को बड़ी राहत दी जा सकती है। माना जा रहा है कि इन पर जीएसटी का सबसे ज्यादा असर हुआ है। केंद्र एवं राज्य सरकार के वित्त मंत्रियों की बैठक में 1.5 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को तिमाही रिटर्न की अनुमति दी जा सकती है।
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इसके अलावा कंपोजिशन स्कीम के लिए भी 75 लाख की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए किया जा सकता है। इससे छोटे कारोबरियों को मदद मिलेगी और वह बिना तीन स्तरीय फाइलिंग प्रॉसेस के रिटर्न फाइल कर सकेंगे। बुधवार को भी पीएम मोदी ने जीएसटी में छोटे कारोबारियों को राहत देने के संकेत दिए थे।
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