एक देश-एक टैक्स: संसद के ऐतिहासिक सत्र में लॉन्च हुआ GST

सद के स्पेशल सेशन में एक देश-एक टैक्स यानी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) देशभर में लॉन्च हो गया। नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मौके पर संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था।

Update: 2017-06-30 17:40 GMT
एक देश-एक टैक्स: संसद के ऐतिहासिक सत्र में लॉन्च हुआ GST

नई दिल्ली: विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद संसद के ऐतिहासिक स्पेशल सेशन में एक देश-एक टैक्स यानी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) देशभर में लॉन्च हो गया। रात के ठीक 12 बजते ही राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक साथ बटन दबाकर पूरे देश में एक टैक्स व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरुआत की।

इस मौके पर संसद में जीएसटी पर एक शॉर्ट फ़िल्म भी दिखाई गई। संसद में मौजूद सभी ने ताली बजाकर जीएसटी का स्वागत किया।

मोदी सरकार ने इस मौके पर शुक्रवार (30 जून) की रात को संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था।

यह भी पढ़ें...GST IMPACT: टेलिकॉम सेक्टर के लिए महंगा साबित हुआ GST, पोस्टपेड यूजर्स के लिए बढ़ा दाम

जीएसटी लॉन्चिंग आयोजन में शामिल होने के लिए सेंट्रल हॉल में कई केंद्रीय मंत्री और अन्य पार्टियों के नेता मौजूद रहे।

संसद के सेंट्रल हॉल में जीएसटी लॉन्चिंग कार्यक्रम को पीएम मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संबोधित किया। लॉन्चिंग इवेंट में कांग्रेस के बायकॉट के चलते पूर्व पीएम मनमोहन सिंह नहीं पहुंचे।

गुड एंड सिंपल टैक्स

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को गुड एंड सिंपल टैक्स बताते हुए कहा कि यह किसी एक सरकार की उपलब्धि नहीं है।

मध्यरात्रि में हम सब मिलकर देश के आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। कुछ देर बाद देश नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा। जीएसटी की प्रक्रिया सिर्फ अर्थव्यवस्था तक सीमित नहीं है।

यह भी पढ़ें...GST: किसानों को राहत, उर्वरक पर 12 से घटकर 5 प्रतिशत हुआ टैक्स

यह भारत के लोकतंत्र की, संघीय ढांचे की, कोऑपपरेटिव फेडरिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह किसी एक दल की सिद्धि नहीं, यह किसी एक सरकार की सिद्धि नहीं, यह हम सबकी सांझी विरासत है।

हम सबक साझे प्रयासों का परिणाम है। 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक का साक्षी है यह सेंट्रल हॉल जिसमें हम बैठे हैं।

14 अगस्त 1947 को देश की स्वतंत्रता की पावन पवित्र घटना का साक्षी है यह सेंट्रल हॉल । इसी जगह 26 नवंबर 1949 को देश ने अपने संविधान को माना था।

यह भी पढ़ें...GST: वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- हम विपक्ष को चीयरलीडर्स बनने के लिए नहीं कह रहे

गीता के 18 अध्याय थे और जीएसटी के भी 18 बैठक हुई हैं। जीएसटी से भ्रष्टाचार और कालेधन पर लगाम लगेगी। जीएसटी गरीबों के लिए सबसे सार्थक व्यवस्था है।

पीएम बोले, "राष्ट्र के निर्माण में कुछ ऐसे पल आते हैं, जिस पर हम किसी नए मोड़ पर जाते हैं। नए मुकाम की ओर पहुंचने का प्रयास करते हैं।

उन्होंने कहा, " आज मध्यरात्रि के समय हम सब मिलकर देश का आगे का मार्ग सुनिश्चित करने जा रहे हैं। कुछ देर बाद देश एक नई व्यवस्था की ओर चल पड़ेगा। सवा सौ करोड़ देशवासी इस घटना के साक्षी हैं।"

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा विजय केलकर जी यहां मौजूद हैं, उन्होंने रिपोर्ट दी थी। यूपीए ने 2006 में कहा था कि 2010 में इसे लागू करेंगे। 2011 में इसके लिए संशोधन की बात हुई।

स्टैंडिंग कमेटी ने कई सुझाव दिए थे। यशवंत सिन्हा यहां मौजूद हैं, वो इस कमेटी के चेयरमैन थे। कमेटी के उस फैसले का असर था कि केंद्र और राज्यों को साथ काम करने लिए मजबूर किया गया।

जेटली ने कहा, "इसके लिए सभी दलों का सहयोग होगा। इसमें राजनीति को अहमियत नहीं दी गई। जीएसटी काउंसिल ने कहा- देश ने एक साथ मिलकर काम किया और मैच्योरिटी दिखाई।

हम राज्यों के साथ मिलकर फैसले करेंगे। देश में बहुदलीय प्रथा है। राज्यों और केंद्र के अफसरों ने मिलकर सराहनीय काम किया। ये जो यात्रा थी, आप सबसे अहम गवाह हैं, जो 15 साल पहले शुरू हुई थी।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि ऐतिहासिक क्षण दिसंबर, 2002 में शुरू हुई लंबी यात्रा की परिणति है। प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी को देश भर के तमाम राज्यों की सरकारों के बीच सहमति और देश हित के लिए सबके साथ आने का प्रतीक करार दिया।

Tags:    

Similar News