ICJ फरवरी में करेगा कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई, 7 दिन में आ सकता है निर्णय
नई दिल्ली : इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अब भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के केस की सुनवाई फरवरी 2019 में होगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक आईसीजे फरवरी में लगातार 7 दिनों तक सुनवाई करेगा।
आपको बता दें, कुलभूषण को पाकिस्तान की एक सैन्य कोर्ट ने अप्रैल 2017 में कथित तौर पर जासूसी के मामले में फांसी की सजा सुनाई थी। इसके बाद इंडिया ने इस मामले को आईसीजे में उठाया और आईसीजे ने इस मामले में अंतिम फैसला नहीं आने तक फांसी की सजा पर रोक लगा रखी है।
पाकिस्तान दावा करता रहा है कि कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि जाधव कोई आम आदमी नहीं बल्कि ट्रेंड जासूस है।
बलोच नेता ने कहा- ईरान के चाबहार से किया गया था जाधव का अपहरण
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के बारे में एक नया खुलासा हुआ है। बलोच नेता कदीर बलोच ने दावा किया है कि ईरान के चाबहार से जाधव का अपहरण किया गया था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर यह काम किया गया।
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मुल्ला उमर ने किया था जाधव को अगवा
कदीर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में यह सनसनीखेज खुलासा किया। कदीर ने कहा, कि ‘वायस फॉर मिसिंग बलूच्स नामक संगठन से उन्हें यह जानकारी मिली है।’ कदीर इस संगठन के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, कि ‘मुल्ला उमर ईरानी बलूचिस्तान में कुख्यात आईएसआई एजेंट के रूप में मशहूर है। उसे पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ वहां आवाज उठाने वालों को अगवा करने के लिए जाना जाता है।’
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जाधव कभी बलूचिस्तान आए ही नहीं
कदीर ने जाधव के अपहरण की पूरी कहानी बताते हुए कहा, कि कुलभूषण के हाथ बंधे हुए थे और आंखों पर पट्टी थी। कुलभूषण को धक्का देकर एक गाड़ी में बिठाया गया। चाबहार से कुलभूषण को ईरान-बलूचिस्तान की सीमा पर स्थित शहर मशकील लाया गया। यहां से उन्हें बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा लाया गया और फिर इस्लामाबाद पहुंचाया गया। इसके बाद ही आईएसआई की ओर से जाधव को बलूचिस्तान से पकड़े जाने का फर्जी दावा कर दिया गया। सच्चाई यह है कि जाधव बलूचिस्तान आए ही नहीं थे, बल्कि मुल्ला उमर ने ईरान से उनका अपहरण किया था।’
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आईएसआई रखती है बलूचिस्तान पर नजर
आईएसआई को बलूचिस्तान में हर आने-जाने वाले की जानकारी होती है। यह संभव ही नहीं है कि बिना आईएसआई की जानकारी के कोई विदेशी बलूचिस्तान में घुस जाए। पाकिस्तान ने पिछले 25 दिसंबर को कुलभूषण की मुलाकात उनकी मां और पत्नी से कराई थी। इस मुलाकात के दौरान कुलभूषण और उनके परिवार के बीच शीशे की दीवार खड़ी की गई थी। जाधव ने इंटरकॉम के जरिए अपने परिवार से बात की। जाधव की पत्नी की जूतियां उतारने को लेकर काफी विवाद भी हुआ था।