संयुक्त राष्ट्र : भारत ने आज जो कर दिखाया उसकी उम्मीद नहीं थी। दरअसल भारत ने आतंकवाद के मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समितियों की आलोचना करते हुए उसे आईना दिखा दिया है।
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भारत ने यूएनएससी की प्रतिबंध समितियों की यह कहते हुए आलोचना की है वे अस्पष्ट हैं और उनमें जवाबदेही का अभाव है। इसके साथ, ये आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध को स्वीकार नहीं करने की वजह भी कभी नहीं बताया करती हैं।
शुक्रवार को यूएनएससी की एक परिचर्चा में भारत के दूत सैयद अकबरूद्दीन ने कहा कि परिषद ने कई अधीनस्थ संस्थान बना रखे हैं लेकिन इन संस्थानों का कामकाज काफी जटिल बन गया है।
उन्होंने कहा कि एक ऐसे युग में जब हम जागरूक लोग लोक संस्थाओं से पारदर्शिता की मांग बढ़ाते जा रहे हैं। प्रतिबंध समितियां अपनी स्पष्टता के मामले में सबसे खराब उदाहरण हैं और उनमें जवाबदेही का अभाव है।
अकबरूद्दीन ने कहा कि प्रतिबंध समितियां जाहिर तौर पर समूचे संयुक्त राष्ट्र की ओर से काम करती हैं। फिर भी वे हमें सूचित नहीं करतीं। सुरक्षा परिषद कार्य निष्पादन, विश्वसनीयता, औचित्य और प्रासंगिकता के संकट का सामना कर रहा है। परिषद की सदस्यता वैश्विक शक्ति के वितरण के अनुरूप नहीं है और यह मौजूदा जरूरत को पूरा नहीं करती है।
उन्होंने यूएनएससी में सुधार करने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर हम एक शांतिपूर्ण विश्व नहीं होंगे, बल्कि हमारी विश्व व्यवस्था टुकड़ों में बंटी होगी।
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