मालदीव में भारत को बढ़त, सरकार ने कहा चीन से फ्री ट्रेड अग्रीमेंट को करेंगे खत्म
माले : मालदीव में नई सरकार के गठन के साथ ही वहां भारत की वापसी और चीन की विदाई होने लगा है। नवनियुक्त गठबंधन सरकार ने ऐलान किया है कि मालदीव चीन के साथ फ्री ट्रेड अग्रीमेंट से जल्द ही बाहर निकलेगा। उन्होंने इस करार को देश की बड़ी गलती करार दिया है।
क्या फायदा होगा भारत को
पिछले कुछ समय से भारत मालदीव से कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से कट गया था। इंडिया की बात करे तो मालदीव मिडल ईस्ट के बीच सबसे अधिक व्यस्त जहाजी मार्ग के करीब है। ऐसे में हमारा व्यापार प्रभावित होता था। देश की आर्थिक स्थति बिगड़ने लगी थी सामरिक तौर पर भी मालदीव में चाइना की मौजूदगी टेंशन पैदा करने वाली थी।
चाइना के कहने पर मालदीव सरकार इंडियंस को वर्क परमिट और बिजनेस वीजा जारी नहीं कर रही थी। इंडिया ने इस मामले में कूटनीतिक दबाव बनाने का प्रयास किया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं मिला था। अब नई सरकार भारत के लिए खुशखबरी लेकर आई है।
क्या कहा नशीद ने
सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के चीफ मोहम्मद नशीद ने कहा, चीन और मालदीव के बीच व्यापारिक असंतुलन बहुत ज्यादा है और कोई भी ऐसी स्थिति में फ्री ट्रेड अग्रीमेंट के बारे में सोच नहीं सकता।'
उन्होंने इस समझौते को वन-वे करार देते हुए कहा कि चीन हमसे कुछ नहीं खरीदता है।
आपको बता दें, शनिवार को राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सालेह ने कहा था कि देश के खजाने को लूटा गया है। देश चीन से भारी कर्ज लेने के कारण संकट के दौर से गुजर रहा है।