चेन्नई: एआईएडीएमके (AIADMK) चीफ जयललिता का मंगलवार को मरीना बीच पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें हिंदू रीति रिवाज के हिसाब से जलाया नहीं गया, बल्कि मुरुथुर गोपालन रामचंद्रन (MGR) की तरह दफनाया गया। उन्हें चंदन की लकड़ी से बने ताबूत में दफनाया गया। एमजीआर का निधन दिसंबर 1987 में हुआ था। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम नरेंद्र मोदी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, वेंकैया नायडू, पन्नीरसेल्वम, एचडी देवगौंड़ा, एआईएएमडीके नेताओं समेत कई समर्थकों ने नम आंखों से अम्मा को आखिरी विदाई दी।
जयललिता के अंतिम संस्कार को देखने के लिए कई लोग दूर-दूर से मरीना बीच पहुंचे। जिसे जहां जगह मिली वो वहां खड़ा हो गया। हजारों लोगों के चेहरे पर सिर्फ उदासी थी। भीड़ को काबू में रखने के लिए मरीना बीच पर सिक्युरिटी के सख्त इंतजाम किए गए थे। उनके पार्थिव शरीर के पास शशिकला शुरू से आखिरी तक मौजूद रहीं। जयललिता के आखिरी दर्शन करने के लिए राजाजी हॉल में लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। एमजीआर का भी पार्थिव शरीर इसी हॉल में रखा गया था।
नीचे देखिए, अम्मा के आखिरी सफर में कैसे उमड़ा समर्थकों का हुजूम...
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