कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने अलग झंडे के लिए गठित की समिति, BJP ने बताया 'एंटी नेशनल'

Update:2017-07-18 16:00 IST
कर्नाटक को भी चाहिए कश्मीर की तर्ज पर अलग झंडा, कांग्रेस सरकार ने गठित की समिति

बेंगलुरु: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के लिए अलग झंडे की मांग की है। इसके लिए राज्य सरकार ने नौ सदस्यीय एक समिति का गठन किया है। बता दें कि इससे पहले साल 2012 में भी प्रदेश में इस तरह की मांग उठी थी।लेकिन उस वक़्त तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ने यह कहते हुए इसका विरोध किया था कि यह कदम देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है। कांग्रेस सरकार के इस कदम को बीजेपी ने 'एंटी नेशनल' कहते हुए विरोध किया है।

'कन्नड़ अस्मिता' को हवा देने की कोशिश

गौरतलब है कि कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि ध्वज के बहाने 'कन्नड़ अस्मिता' को हवा दी जाए। अब अगर वहां के सीएम सिद्धरमैया अपनी मांग मनवाने में कामयाब रहते हैं तो कर्नाटक आधिकारिक तौर पर अपना अलग ध्वज रखने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। ज्ञात हो, कि अभी तक संविधान की धारा- 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को ही यह विशेष दर्जा हासिल है। जम्मू और कश्मीर का अलग ध्वज है।

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बीजेपी का मत साफ है

इसी मुद्दे पर मोदी सरकार केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा, 'बीजेपी का मत इस बात को लेकर एकदम साफ है कि राष्ट्रीय भावनाओं को राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से हमेशा ऊपर रखा जाएगा।'

हमने 'एक राष्ट्र एक झंडे' की लड़ाई लड़ी है

जबकि, कर्नाटक से बीजेपी सांसद शोभा करण ने कहा, कि 'कर्नाटक सरकार का यह कदम राष्ट्रीय एकता के लिए ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी ने हमेशा 'एक राष्ट्र एक झंडे' के लिए लड़ाई लड़ी है। अलग झंडे की मांग करना पूरी तरह गलत है। कश्मीर का भी अलग झंडा नहीं होना चाहिए। सिद्धरमैया जो कर रहे हैं वह राष्ट्र के खिलाफ है।'

थरूर बोले- अलग झंडा हो सकता है

वहीं, केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केरल सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, कि 'एक राज्य का अपना अलग झंडा हो सकता है। बशर्ते राष्ट्रध्वज की सर्वोच्चता का उल्लंघन न हो।'

कर्नाटक के आईटी मिनिस्टर प्रियांक खड़गे ने भी ट्वीट किया कि संवैधानिक दायरे के अंदर अपनी अलग पहचान बनाने में कुछ भी गलत नहीं है।



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