देहरादून/सहारनपुर: चार धामों की यात्रा का फल भ ही मोक्षदायक हो, लेकिन उत्तराखंड के चार धामों की यात्रा से मिलने वाला फल और और उसका अनुभव अलग ही होता है। भगवान शंकर के बारह ज्योर्तिलिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। श्रद्धालु लगातार भगवान केदानाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ऊंचे पर्वतों पर जमी भारी बर्फबारी से बेफिक्र श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर रहे हैं। अभी तक करीब दस हजार श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच कर दर्शन कर चुके हैं। श्रद्धालुओं को दर्शन के तुरंत बाद नीचे की ओर भेजा जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट अगली शरद ऋतु शुरू तक खुले रहेंगे।
निकाली गई पालकी
बर्फ से ढकी चोटियों के बीच बाबा केदानाथ की पालकी निकाली गई। धाम के कपाट बंद होने से पहले बाबा को केदार घाटी में ही स्थित तुंगनाथ मंदिर में विश्राम कराया जाता है और ग्रीष्म ऋतु में कपाट खुलने पर यहां से के दारनाथ धाम तक पालकी निकाल कर विधि विधान से मंत्रोच्चारण के बीच लाया जाता था। इसके बाद ही श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर पाते हैं।
ज्यादा दिन तक रुकने की इजाजत नहीं
उत्तराखंड पुलिस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार अब तक करीब दस हजार श्रद्धालु यहां पहुंच चुके हैं। श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने के तुरंत बाद नीचे की ओर भेजा जा रहा है। केदारनाथ धाम परिसर में श्रद्धालुओं को रुकने के लिए ज्यादा दिन की इजाजत नहीं दी जा रही है।
2013 में आई थी जल प्रलय
साल 2013 में केदारनाथ में जल प्रलय आई थी। इस जल प्रलय में बाबा केदारनाथ के मंदिर को छोड़कर बाकी सब तहस-नहस हो गया था। यहां फंसे लोगों को बचाने के लिए देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था। इस जल प्रलय का शिकार कितने श्रद्धालु हुए थे, यह आज तक पता नहीं चल सका है।