केरल: बाढ़ के बाद ‘रैट फीवर’ का कहर जारी, 19 की मौत, रेड अलर्ट जारी

Update: 2018-09-04 03:39 GMT

कोझिकोड: भीषण बाढ़ से उबर रहे केरल में रैट फीवर से दो और लोगों की मौत होने से पिछले तीन दिनों में इससे मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। इसे देखते हुए राज्य में तीन हफ्ते के लिए हाई अलर्ट लागू कर दिया गया है। कोझिकोड और पथानमतिट्टा जिलों में 71 और लोगों में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं।

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यह बीमारी जानवरों से इंसानों में फैलती है और बाढ़ के दौरान इसका खतरा बढ़ जाता है। कासरगोड जिले को छोड़कर बारिश और बाढ़ से राज्य के अन्य सभी 13 जिले प्रभावित हुए हैं। राज्य में लगभग 20 लाख लोग बाढ़ के पानी के संपर्क में आए हैं जिसके कारण सरकार को इन लोगों से जरूरी उपचारात्मक कदम उठाने के लिए कहना पड़ा है।

स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने एक समीक्षा बैठक संबोधित करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा कि केरल में अगले तीन सप्ताह तक हाई अलर्ट रहेगा। उन्होंने कहा, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है. ऐसे मामले बाढ़ के कारण बढ़ गए हैं। कई दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद लोग अनसुना कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में जरूरी दवाओं का भंडारण कर दिया गया है। कोझिकोड में इसके सबसे ज्यादा मामले पाए जाने के बाद कोझिकोड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में इसके लिए औरों से अलग एक पृथक वार्ड खोल दिया गया है।

क्या है लेप्टोस्पायरोसिस?

लेप्टोस्पायरोसिस (जिसके दूसरे कई नामों में फील्ड फीवर, रैट काउचर्स यलो, और प्रटेबियल बुखार शामिल हैं) एक संक्रमण है जो लेप्टोस्पाइरा कहे जाने वाले कॉकस्क्रू-आकार केबैक्टीरिया से फैलता है। लक्षणों में हल्के-फुल्के सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और बुखार से लेकर फेफड़ों से रक्तस्राव या मस्तिष्क ज्वर जैसे गंभीर लक्षण शामिल हो सकते हैं।

यदि संक्रमित व्यक्ति को पीला, हो या गुर्दे की विफलता हो और रक्तस्राव हो तो इसे वेल रोगकहते हैं। यदि इसके कारण फेफड़े से अत्यधिक रक्तस्राव होता है तो इसे गंभीर फुप्फुसीय रक्तस्राव सिन्ड्रोमकहते हैं।

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