कानपुर: प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या गुरुवार (08 फ़रवरी) को कानपुर में थे। यहां उन्होंने यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल विहीन कराए जाने पर सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की। साथ उन्होंने, इस बार परीक्षा में दो दिनों के भीतर करीब 5 लाख छात्रों के परीक्षा छोड़ने पर कहा, कि यह एक संदेश उन लोगों के लिए है जो नक़ल के आधार पर परीक्षाएं पास करते, करवाते थे। अब इस तरह परीक्षा पास करने का समय खत्म हो गया।'
वहीं केशव मौर्या ने इतनी बड़ी संख्या में एचआईवी पॉजिटिव लोगों के मामले सामने आने पर दुखद जताया। उन्होंने कहा, 'यह घृणित और दुखद घटना है। जिसने भी इसे प्रसारित करने का काम किया है उसके विरुद्ध कठोर कार्यवाई की जाएगी। जिसने इसे अंजाम दिया उसके पास डॉक्टरी की डिग्री नहीं है। यह झोलाछाप डॉक्टर है। तब भी ऐसा मैंने पहली बार सुना है। इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।' दरअसल, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एक निजी कार्यक्रम में गुरुवार को कानपुर आए थे। इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से विभिन्न मुद्दों पर बात की।
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लोकतंत्र के इस मंदिर में ऐसा व्यवहार सही नहीं
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान समाजवादी पार्टी विधायकों द्वारा हंगामा और कागज फेंकने की घटना को निंदनीय बताया। कहा, विपक्षी नेताओं का यह आचरण लोकतंत्र की मर्यादा के खिलाफ था। लोकतंत्र के इस मंदिर में ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए था।
कोई ऐसा कैसे कर सकता है?
वहीं, उन्नाव के बांगरमाऊ में बड़ी संख्या में एचआईवी पीड़ित के मामले सामने आने पर केशव मौर्य बोले, इस प्रकार की घटना को जिसने भी अंजाम दिया वह दुखद है उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। कोई भी डॉक्टर कितना ही निम्न आचरण का क्यों ना हो ऐसा सकता है?