Cyber Fraud: 4 साल में साइबर फ्रॉड 900 फीसदी बढ़ा, 2024 में लूट लिए गए 22,812 करोड़ रुपये
Cyber Fraud: भारत में साइबर क्राइम की घटनाओं में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। जरा सोचिए, धोखेबाजों ने पिछले चार साल में लोगों से 33,165 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिसमें अकेले 2024 में 22,812 करोड़ रुपये शामिल हैं।;
Cyber Fraud: भारत में साइबर क्राइम की घटनाओं में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। जरा सोचिए, धोखेबाजों ने पिछले चार साल में लोगों से 33,165 करोड़ रुपये की ठगी की है, जिसमें अकेले 2024 में 22,812 करोड़ रुपये शामिल हैं। अब छोटे शहर निशाना बन रहे हैं और कई टियर 2 और 3 शहरों को साइबर अपराध हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है।
गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म (एनसीआरपी) के आंकड़ों से पता चलता है कि जालसाजों ने 2021 में लोगों से 551 करोड़ रुपये, 2022 में 2,306 करोड़ रुपये और 2023 में 7,496 करोड़ रुपये की ठगी की। हालांकि यह संख्या हैरान करने वाली हैं लेकिन सच्चाई ये है कि यह ग्लोबल साइबरस्कैम जाल की 40 अरब डॉलर की अनुमानित सालाना आय का एक छोटा सा हिस्सा मात्र है।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 2021 में 1,37,254 शिकायतें, 2022 में 5,15,083, 2023 में 11,31,649 और पिछले साल 17,10,505 शिकायतें मिलीं थीं। 2019 में प्रतिदिन 71 साइबर अपराध शिकायतें दर्ज की गईं, जो 2024 में 87 गुना बढ़कर 6,175 शिकायतें प्रतिदिन हो गईं।
इस आपराधिक धंधे के टॉप पर चीनी क्राइम सिंडिकेट हैं जो दक्षिण पूर्व एशिया, मुख्य रूप से कंबोडिया, म्यांमार और लाओस से ऑपरेट होते हैं। वे एशिया और अफ्रीका के लोगों को धोखे से या लालच दे कर काम पर रखते हुए "स्कैम कम्पाउंड" चलाते हैं। इन लोगों को दुनिया भर में घूमने वाली महिलाओं, बैंक कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों के रूप में नकली ऑनलाइन पहचान बनाकर अपने देश में लोगों को ठगने के लिए मजबूर किया जाता है।
मई 2024 में यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, साइबरस्कैम से कंबोडिया में वार्षिक रिटर्न 12.5 बिलियन डॉलर, म्यांमार में 15.3 बिलियन डॉलर और लाओस में 10.9 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है - जो तीनों देशों के संयुक्त जीडीपी का लगभग 40% है।
भारत में हॉटस्पॉट
बताया जाता है कि झारखंड में देवघर, राजस्थान में डीग, अलवर, जयपुर और जोधपुर, हरियाणा में नूंह, उत्तर प्रदेश में मथुरा और गौतम बुद्ध नगर, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, गुजरात में सूरत, बिहार में नालंदा और नवादा, कर्नाटक में बेंगलुरु सिटी और केरल में कोझीकोड को साइबर क्राइम हॉटस्पॉट के रूप में पहचाना गया है।
अब कर सकेंगे e-FIR
साइबर धोखाधड़ी के मामले में पीड़ित जल्द ही एनसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) के जरिए ई-एफआईआर दर्ज करा सकेंगे। गृह मंत्रालय एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज साइबर अपराधों के लिए ई-एफआईआर सिस्टम स्थापित करने की परियोजना पर काम कर रहा है।
इस पहल से पीड़ित न केवल साइबर अपराधों की रिपोर्ट कर सकेंगे, बल्कि ई-एफआईआर दर्ज कराने की व्यवस्था भी मिलेगी। फिलहाल, ऑनलाइन सिस्टम के जरिए सिर्फ चोरी और वाहन चोरी से जुड़ी शिकायतों को ही एफआईआर में बदला जा सकता है। साइबर अपराध में, "गोल्डन ऑवर" अपराध के तुरंत बाद की महत्वपूर्ण अवधि को संदर्भित करता है, जिसके दौरान त्वरित कार्रवाई किसी भी सफलता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। ई-एफआईआर पुलिस को लॉग, मेमोरी डेटा और नेटवर्क ट्रैफ़िक जैसे अस्थिर डिजिटल ट्रेसिंग को तेज़ी से करने में मदद करेगी।