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कैराना(शामली): कैराना पलायन मामले में बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेस में साफ कर दिया था कि कैराना कस्बे में गुंडागर्दी और बढ़ते अपराध के कारण व्यापारियों ने पलायन किया है। हुकुम सिंह ने यह आरोप भी लगाया कि सपा विधायक नाहिद हसन के संरक्षण में यहां गुंडागर्दी हो रही है। पूर्व सांसद मुनव्वर हसन के पुत्र नाहिद हसन अपनी दबंगई के कारण कई बार शामली में चर्चाओं में रहे हैं।
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दबंग नेताओं में है नाहिद हसन की गिनती
-कैराना में सपा के बाहुबली नेता नाहिद हसन की गिनती दंबग नेताओं में होती है।
-कैराना विधानसभा से विधायक नाहिद हसन पर शामली के कई थानों में केस दर्ज हैं।
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-इनके खिलाफ एक 12 जुलाई 2013 में एक सरकारी कर्मचारी ने अपहरण का केस दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने नाहिद हसन की गिरफ्तारी नहीं की थी।
-शामली के कैराना कोतवाली क्षेत्र के यमुना के किनारे बसे ग्रामीण इलाकों में बाढ़ आ गई थी।
-जिस पर सूबे की सरकार ने बाढ़ पीड़ित ग्रामीणों को मुआवजा देने की घोषणा की थी।
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लेखपाल का अपहरण कर नाहिद हसन ने की थी पिटाई
-इसी के चलते सपा के बाहुबली प्रत्याशी नेता नाहिद हसन ने अपने समर्थकों के फर्जी नाम जोड़ने के लिए क्षेत्र के लेखपाल विनोद कुमार को फोन किया।
-विनोद ने ऐसा करने से मना कर दिया था यह बात सपा नेता को नागवार गुजरी।
-इस पर वो अपने 20-25 साथियों के साथ विनोद कुमार के ऑफिस में पहुंचे।
-उनको जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उसका अपहरण करके ले गए थे।
-लेखपाल की पिटाई की और उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया था।
-पीड़ित लेखपाल ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई।
-विनोद कुमार ने यह जानकारी अन्य लेखपालों को दी तो उन्होंने नाहिद हसन की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना भी दिया था।
पुलिस ने दबा दिया था केस
-यह वारदात 2 जुलाई 2013 की है,लेकिन पुलिस ने इस मामले को दबाने के लिए एफआईआर रजिस्टर ही गायब कर दिया।
-उसकी एक काॅपी मीडिया के हाथ लग गई थी, सपा विधायक नाहिद हसन के खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगाई गईं थीं।
- उस मामले में आज तक शामली पुलिस ने सपा विधायक की गिरफ्तारी नहीं की।
-कैराना और कांधला पलायन की वास्तविकता कुछ भी हो लेकिन ये साफ है की कई अपने व्यापार के चलते गैर जिलों में बस गए हैं।
-हालांकि बीजेपी पलायन मामले को अपराधियों और कानून व्यवस्था लचर होने के कारण बता रही है।
-प्रशासन द्वारा गठित की गई टीम के सर्वे के बाद साफ होगा कि आखिर 20 वर्ष पहले पलायन कर चुके व्यापरियों ने भय के चलते पलायन किया था या फिर कैराना कस्बे को शहरी क्षेत्र से पिछड़ने के खातिर।
-क्योंकि आजादी के बाद से कैराना में कोई विकास कार्य नहीं हुआ।
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