होली से पहले Sambhal की जामा मस्जिद पहुंची ASI टीम, रंगाई-पुताई के काम की करेगी निगरानी
ASI Team visits Sambhal Masjid: संभल में शाही जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई की निगरानी शुरू, ASI टीम ने नापतोल का काम किया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर एक हफ्ते में बिना संरचना को नुकसान पहुंचाए काम पूरा किया जाएगा।;
Sambhal Jama Masjid
ASI Team visits Sambhal Masjid: होली के त्योहार से पहले उत्तर प्रदेश के संभल में विवादित शाही जामा मस्जिद के रंगाई कार्य की निगरानी शुरू कर दी गई है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम मस्जिद के बाहरी हिस्से की पेंटिंग और मरम्मत के काम की देखरेख कर रही है। यह कदम इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद उठाया गया है।
शाही जामा मस्जिद, जो पहले से ही विवादों में रही है, की बाहरी दीवारों की पेंटिंग के साथ-साथ लाइटिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। यह काम ASI की टीम की निगरानी में किया जा रहा है ताकि इस दौरान मस्जिद की संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे। टीम ने पहले ही मस्जिद की बाहरी दीवारों का नापतोल कर पेंटिंग के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
मस्जिद कमेटी ने रमजान के महीने से पहले रंगाई-पुताई की अनुमति के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने मस्जिद की रंगाई-पुताई की अनुमति दी, लेकिन यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस प्रक्रिया में मस्जिद की संरचना को कोई नुकसान न पहुंचे और काम एक हफ्ते के भीतर पूरा किया जाए।
इससे पहले, हाई कोर्ट ने पेंटिंग और मरम्मत की आवश्यकता को लेकर एएसआई से सवाल किया था, जिस पर एएसआई ने सफाई की जरूरत तो स्वीकार की थी, लेकिन पेंटिंग और मरम्मत की आवश्यकता से इनकार किया था। फिर भी, कोर्ट के आदेश पर रंगाई पुताई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जो जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
एएसआई की टीम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रंगाई के दौरान मस्जिद की ऐतिहासिक संरचना सुरक्षित रहे और कोई भी काम आर्कियोलॉजिकल संरक्षण दिशानिर्देशों के तहत हो। इस कार्य का महत्व सिर्फ मस्जिद की सुंदरता बनाए रखने के लिए नहीं है, बल्कि इसके इतिहास और सांस्कृतिक महत्व की रक्षा भी की जा रही है।
सभी काम को एक हफ्ते के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, और उम्मीद की जा रही है कि यह कार्य रमजान के पहले तैयार हो जाएगा। ASI टीम की निगरानी के कारण यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि परियोजना पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरी हो, जिससे मस्जिद का ऐतिहासिक महत्व और संरचना सुरक्षित रहे।