Sonbhadra News: मजदूर की मौत मामले में क्रशर प्लांट संचालक पर एफआईआर का आदेश

Sonbhadra News: मजदूर की मौत मामले में क्रशर प्लांट संचालक पर एफआईआर का आदेश, बगैर सुरक्षा उपाय मजदूरों से काम कराने का आरोप;

Update:2025-03-13 15:58 IST

Sonbhadra News (Image From Social Media)

Sonbhadra News: बगैर सुरक्षा उपाय के मजदूरों से काम कराने और इसके चलते एक मजदूर की मौत होने के मामले में न्यायालय की तरफ से, क्रशर प्लांट संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। प्रकरण चोपन थाना क्षेत्र के डाला अंचल से जुड़ा हुआ है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आलोक यादव ने पिछले दिनों प्रकरण की सुनवाई की और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों, अधिवक्ता की ओर से दी गई दलीलों को दृष्टिगत रखते हुए उपरोक्त आदेश पारित किया गया। प्रकरण में प्रभारी निरीक्षक चोपन को धारा 304ए आईपीसी के तहत केस दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना सुनिश्चित कराने का आदेश दिया गया है।

क्या हुई थी घटना

घटना 21 जून 2024 को है। मृतका की पत्नी फूलवंती ने अधिवक्ता विकास शाक्य के जरिए न्यायालय में धारा 173 (4) बीएनएसएस के तहत दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसके पति जगबंधन मजदूरी करने के लिए राजेश जायसवाल के सोनांचल स्टोन क्रशर प्लांट स्थित डाला बारी, थाना चोपन पर 21 जून 2024 को गए हुए थे। शाम पांच बजे के करीब क्रशर के बेल्ट में फंसकर उनकी मृत्यु हो गई। इसकी सूचना पाकर वह गांव के कई अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर गई तो देखा कि वह मरणासन्न हालत में पड़े थे। उपचार के लिए जिला अस्पताल लोढ़ी ले गई जहां डाक्टर ने देखने के बाद मृत घोषित कर दिया। आरोप लगाया कि पति की मौत के चलते खराब मनोस्थिति का फायदा उठाकर, मनमाने तरीके से एक तहरीर लिखवाकर उस पर हस्ताक्षर करवा लिया गया और दबाव बनाते हुए सुलहनामा लिखवा लिया गया।

ऐसे बनाया दबाव

आरोप है कि इसके बाद राजेश जायसवाल ने उसे तत्काल क्रिया-कर्म के नाम पर 80 हजार नकद और आगे की जरूरत के लिए 6,50,000 का चेक देकर, मामले को हमेशा के लिए रफादफा करने की सलाह दी। पति के अंतिम संस्कार के बाद वह घटनास्थल पर जाकर क्रशर संचालन की स्थिति देखी तो पाया कि वहां मजदूरों की सुरक्षा के लिए कोई भी उपाय-इंतजाम नहीं किए गए हैं। यह जानते हुए भी कि वगैर मुकम्मल सुरक्षा के काम करने पर मजदूरों की जान भी जा सकती है, लापरवाही की गई। आरोप लगाया गया है कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर उसके पति से खतरनाक जगहों पर काम कराया गया जिससे उनकी मौत हो गई।

- बगैर इंश्योरेंस क्रशर प्लांट संचालन का लगाया गया आरोप

यह भी आरोप लगाया गया है कि घटना के वक्त संबंधित क्रशर प्लांट को नियम विरूद्ध तरीके से बगैर इंश्योरेंश के चलाया जा रहा था। प्रस्तुत किए गए साक्ष्य और दी गई दलीलों के आधार पर न्यायालय ने पाया कि 21 जून 2024 को राजेश जायसवाल के क्रशर प्लांट पर मजदूरी करने गए जकबंधन की क्रशर के बेल्ट में फंसकर मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के चलते 22 जून 2024 को पत्नी से सुलहनामा लिखवा लिया गया। उसके बाद पीड़िता को मालूम हुआ कि कशर प्लांट पर बिना सेफ्टी व बिना इंश्योरेंश के मजदूरों से कार्य कराया जा रहा था।

इस प्रकार, क्रशर प्लाट में मजदूरों से उपेक्षा पूर्ण तरीके से कार्य कराये जाने के कारण उक्त घटना घटित होना दर्शित होती है और प्रार्थना पत्र में उल्लिखित घटना से संज्ञेय अपराध के तथ्य प्रकट होते हैं। न्यायालय ने इन तथ्यों को विवेचना कराए जाने का पर्याप्त आधार माना और आदेशित किया कि थानाध्यक्ष चोपन धारा 304ए आईपीसी के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीकृत कर विधिअनुसार विवेचना सुनिश्चित कराएं।

Tags:    

Similar News