Sonbhadra Video: आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की नियुक्ति में धांधली का आरोप, मेरिट की अनदेखी कर चयन सूची फाइनल करने का दावा

Sonbhadra News: दावा किया जा रहा है कि ऑडियो में बात कर रहे विभागीय व्यक्ति ने डेढ़ लाख की मांग की। न दिए जाने पर संबंधित का नाम, चयन सूची से बाहर कर दिया गया।;

Update:2025-03-11 14:56 IST

Sonbhadra News: जिले में बड़़े स्तर पर अपनाई गई आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों की नियुक्ति में धांधली बरते जाने का आरोप लगाया जा रहा है। आरोप है कि मेरिट सूची की अनदेखी कर चयन सूची फाइनल कर दी गई है। धांधली के आरोपों से जुड़ा एक कथित ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें दो व्यक्तियों की बातचीत में एक तरफ से अभ्यर्थी के काउंसलिंग के लिए डेढ़ यानी डेढ़़ लाख की व्यवस्था किए जाने की बात कही जा रही है। रिश्वत की मांग करने को बाल विकास विभाग में सीडीपीओ के पद पर तैनात होने का दावा किया जा रहा है। बहरहाल, वायरल ऑडियो और लगाए जा रहे आरोपों में कितनी सच्चाई है? यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

यह है पूरा मामला, इन चीजों को लेकर लगाए जा रहे आरोपः

शासन स्तर से जारी निर्देश के क्रम में वर्ष 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के नियुक्ति की प्रक्रिया अपनाई जा रही थी। मेरिट, आरक्षण आदि फाइनल करने के बाद, प्रथम-द्वितीय वरीयता का निर्धारण करते काउंसिलंग यानी संबंधित अभ्यर्थी की तरफ से उपलब्ध कराए गए अपेक्षित प्रपत्र के सत्यापन के निर्देश दिए गए थे। इसके क्रम में डीएम बीएन सिंह की तरफ से त्रिस्तरीय समिति गठित कर काउंसलिंग प्रक्रिया पूर्ण करने की हिदायत दी गई थी। तीन-चार दिन पूर्व इसको लेकर काउंसलिंग की प्रक्रिया भी अपनाई गई। बताया जा रहा है कि सोमवार की शाम जब, कार्यकर्तियों की चयन सूची सामने आई तो कई अभ्यर्थियों की तरफ से धांधली के आरोप लगाए जाने लगे। उनका कहना था कि सूची के साथ ही, अभ्यर्थियों की मेरिट सूची को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए। मामले को लेकर एक कथित ऑडियो भी वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि ऑडियो में बात कर रहे विभागीय व्यक्ति ने डेढ़ लाख की मांग की। न दिए जाने पर संबंधित का नाम, चयन सूची से बाहर कर दिया गया।

ऑडियो में इस बातचीत को लेकर की जा रही कार्रवाई की मांग:

वायरल आडियो काउंसलिंग प्रक्रिया के दो से तीन दिन पूर्व का बताया जा रहा है। लगभग डेढ़ मिनट के ऑडियो में दो व्यक्तियों के बीच बातचीत होती सुनाई दे रही है। एक व्यक्ति कहता है कि कहे थे कि आप अपने से बात कर लिजिए, जो कहेंगे, वह करेंगे, अब हम क्या कहें, समझ में नहीं आ रहा है, मेरी आदत नहीं है कुछ कहने की.., दूसरी तरफ वाला व्यक्ति कहता है कि तो कराइए आप ही को कराना है.. हां यार बात तो आपकी सही है थोड़ा डीपीओ साहब से भी राय लेनी है वह थोड़े कड़क किस्म के आदमी हैं, उनको चढ़़ावा ज्यादा चाहिए.. इसलिए.. मेरी उनसे बात करने में ......... है। आप यानी आपके अभ्यर्थी काउंसलिंग से बाहर थे मैं बुद्धि लगाकर किसी तरह काउंसलिंग सूची में नाम डलवा रहा हूं। आप डेढ़ लाख की व्यवस्था करा लिजिए ताकि काउंसलिंग कराई जा सके। इस ऑडियो की न्यूजट्रैक पुष्टि नहीं करता लेकिन जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं और कथित ऑडियो सामने आया है, उसको देखते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई जाने लगी है। जिस विभागीय व्यक्ति का ऑडियो होने का दावा किया जा रहा है, उनसे फोन के जरिए बात की गई तो उन्होंने रास्ते में होने और कार्यालय पहुंचकर इस पर बात की गई। वहीं डीपीओ विनीत सिंह का कहना था कि शासनादेश का ख्याल रखते हुए प्रथम द्वितीय वरीयता सूची फाइनल की गई है। कथित ऑडियो और आरोपों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

शासनादेश में मेरिट-आरक्षण की यह तय की गई थी व्यवस्थाः

- शासनादेश के मुताबिक आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका के सभी पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटर या समकक्ष, अधिकतम शैक्षिक योग्यता परास्नातक के आधार पर मेरिट तैयार की जायेगी।

- अभ्यर्थी द्वारा प्राप्त अंक प्रतिशत को 10 से विभाजित करने पर जो उत्तर प्राप्त होगा, वही उसका अंक माना जायेगा अर्थात यदि किसी अभ्यर्थी को हाईस्कूल परीक्षा में 45 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए हैं, तो उसे 45$10=4.5 अंक प्राप्त होंगे।

- ग्रेडिंग एवं सीजीपीए पद्धति में प्राप्त अंक भी आगणित किये जायेंगे। मेरिट सूची तैयार करने में दशमलव के तीन अंकों तक गणना की जाएगी। दशमलव के बाद के किसी भी अंक को पूर्णांकित नहीं किया जायेगा।

- सभी परीक्षाओं के अंकों को जोड़ने के पश्चात् मेरिट लिस्ट तैयार होगी। एक से अधिक अभ्यर्थी समान अंक प्राप्त करते हैं, तो अधिक आयु वाले अभ्यर्थी को वरीयता मिलेगी। एक से अधिक अभ्यर्थी के अंक व आयु भी समान हों, तो अधिक शैक्षिक योग्यता रखना वाला अभ्यर्थी अर्ह होगा।

‘- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विकलांग एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के आश्रितों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए समय-समय पर शासन द्वारा जारी आरक्षण से संबंधित शासनादेशों का अनुपालन होगा।

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