मेरठ: बागपत जिले में आज सुबह एक बड़ा हादसा हुआ है। यमुना नदी में किसानों और मजदूरों से भरी नाव डूब गई है। जिसमें जिला प्रशासन द्वारा अभी तक 22 लोगों के मरने की पुष्टि की जा चुकी है। 10-12 लोगों को जिंदा निकाला गया है। पुलिस और प्रशासनिक अफसर मौके पर है। बचाव कार्य जारी है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है।
घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के देर से पहुंचने से गुस्साए इलाके के ग्रामीणों द्वारा दिल्ली हाईवे को जाम किया गया।
यह भी पढ़ें: बिहार में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान डूबने से 5 मरे
मौके पर मौजूद जिलाधिकारी भवानी सिंह ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि नाव में क्षमता से कहीं अधिक 60 यात्री सवार थे। इनमें अधिकांश महिलाएं सवार थीं। नाव जैसे ही बीच नदी में पहुंची, अचानक नाव डूब गई।
जिलाधिकारी के अनुसार पुलिस और पीएसी के बचाव दल ने अभी तक 22 शव निकाले हैं। जबकि 10-12 लोंगो को बचाव दल जिंदा निकालने में सफल हुआ है।
यह भी पढ़ें: UP: बाढ़ में 22 जिलों के 900 गांव डूबे, अफसर कर रहे आंकड़ों का खेल
नाव में सवार अधिकतर लोग बागपत से हरियाणा में मजदूरी करने जा रहे थे। इलाके की पुलिस के अनुसार नाव में 15-20 लोगों की क्षमता थी। लेकिन उसमें 60 के करीब यात्री सवार थे।
आगे की स्लाइड में जानिए क्यों ग्रामीणों ने मचाया बवाल
यमुना नदी में नाव डूबने के बाद ग्रामीणों में बवाल का कारण वहां देरी से राहत कार्य शुरू हुआ। ग्रामीणों ने नाव डूबने पर खुद ही लोगों की तलाश शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन मौके पर कोई राहत कार्य सरकारी घंटों तक शुरू नहीं किया गया।
- ग्रामीणों ने नाव डूबने पर खुद ही डूबे हुए व्यक्तिों को बाहर निकालना शुरू किया।
- शुरू में एक-दो ही शव ग्रामीणों के हाथ लगे, लेकिन उसके बाद एक-एक कर शव निकलने शुरू हो गए।
- ग्रामीण खुद ही यमुना से शव बाहर निकालकर ला रहे थे। इस हादसे से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।
- गांव के लोग घरों से निकलकर मौके पर पंहुच गए। गांव के लोगों की भीड़ मौके पर लग गई।
- घंटों बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो लोगों में गुस्सा फैल गया। बाद में ग्रामीणों ने हाइवे पर पहुंच कर जाम लगा दिया।
- पुलिस ने जाम लगा रहे लोगों को बलपूर्वक सड़क से हटाने का प्रयास किया तो उन्होंने पुलिस पर पथराव कर दिया।
- वहां से गुजर रहे वाहनों में भी आगजनी कर दी, जिससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।
- मौके पर बढ़ते तनाव को देखते हुए एडीजी प्रशांत कुमार स्वयं मौके के लिए रवाना हो गए।
- कई थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर बुला लिया गया है। राहत कार्य में एनडीआरएफ की टीम भी जुटी है।
�